नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/उत्तर प्रदेश/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- आजादी के बाद देश में पहली बार किसी महिला अपराधी को फांसी दी जायेगी। इस महिला का अपराध इतना खतरनाक है कि निचली अदालत से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक ने उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा है। उसके साथ उसके प्रेमी को भी फांसी दी जायेगी। इसके लिए मथुरा जेल में महिला फांसीघर में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। मथुरा स्थित उत्तर प्रदेश के इकलौते फांसी घर में अमरोहा की रहने वाली शबनम को फांसी पर लटकाया जाएगा। निर्भया के दोषियों को फंदे से लटकाने वाले पवन जल्लाद अब तक दो बार फांसी घर का निरीक्षण भी कर चुके हैं।
सर्वोच्च न्यायालय से पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद अब हत्या के आरोप में बंद शबनम की फांसी की सजा को राष्ट्रपति ने भी बरकरार रखा है, ऐसे में अब उसका फांसी पर लटकना तय हो गया है। डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी। मथुरा जिला कारागार में जल्लाद पवन को तख्ता लीवर में कुछ कमी दिखी, जिसे प्रशासन ठीक करवा रहा है। शबनम को फांसी पर लटकाने के लिए बिहार के बक्सर से रस्सी मंगवाई जा रही है ताकि किसी तरह अड़चन पैदा न हो।
यहां बता दें कि अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी के शिक्षक शौकत अली की इकलौती बेटी शबनम के सलीम के साथ प्रेम संबंध थे। सूफी परिवार की शबनम ने अंग्रेजी और भूगोल में एमए किया था। उसके परिवार के पास काफी जमीन थी। वहीं सलीम पांचवीं फेल था और पेशे से एक मजदूर था। इसलिए दोनों के संबंधों को लेकर परिजन विरोध कर रहे थे। शबनम ने 14 अप्रैल, 2008 की रात अपने प्रेमी के साथ मिलकर ऐसा खूनी खेल खेला कि सुनकर पूरा देश हिल गया था। शबनम ने अपने माता-पिता और 10 माह के भतीजे समेत परिवार के सात लोगों को पहले बेहोश करने की दवा खिलाई। बाद कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला था।
शबनम ने हत्या करने के बाद तेजी से रोना-चीखना शुरू कर दिया। जब आसपास के लोग पहुंचे, तो हालात देखकर दंग रह गए। खून से लथपथ सात लाशें पड़ीं थीं। घर में अकेली 25 साल की लड़की शबनम जीवित बची थी। आधी रात को हुए इस सनसनी खेज हत्याकांड से पुलिस प्रशासन में हड़कंप में मच गया। शबनम ने पुलिस को बताया कि उसके घर में लुटेरे घुसे और पूरे परिवार की हत्या कर दी। वह बाथरूम थी, इसलिए बच गई। पुलिस ने लुटेरों के एंगल से जांच की, लेकिन कोई सबूत हाथ नहीं लगा। इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर ध्यान दिया, तो कई सवाल सामने आए। मरने वालों ने खुद को बचाने की कोशिश नहीं की? लूटपाट के कोई सबूत नहीं मिले? इस बीच पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट ने सबको चैंका दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, मृतकों को मारने से पहले कोई दवा खिलाकर बेहोश किया गया था।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस के शक की सुई शबनम पर घूम गई। शबनम की कॉल डिटेल निकाली गई, जिससे पता चला कि हत्या की रात शबनम की एक ही नंबर पर कई बार बात हुई। बाद में पुलिस को शबनम के गर्भवती होने का पता चला। शबनम शादी-शुदा नहीं थी, इसलिए इस हत्याकांड में पुलिस को यह जानकारी बेहद अहम लगी। इसके बाद पुलिस ने शबनम से कड़ी पूछताछ शुरू की। आखिरकार शबनम टूट गई और उसने अपने गुनाह कबूल किया। इसके बाद, पुलिस ने सलीम को भी दबोच लिया और बाद में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। सलीम की निशानदेही पर कत्ल में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी भी पुलिस ने बरामद कर ली।
मथुरा के जिला कारागार में करीब 150 साल पहले फांसी घर बनाया गया था, लेकिन आजादी के बाद से अब तक देश में किसी भी महिला को फांसी नहीं दी गई है। यह प्रदेश का इकलौता महिला फांसी घर है। हालांकि, अभी फांसी की तारीख तय नहीं हुई है।
-शबनम-सलीम को एक साथ दी जाएगी फांसी, मथुरा जेल में तैयारियां हुई शुरू
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