नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कृषि विज्ञान केंद्र उजवा के कृषि विशेषज्ञ डा. राकेश कुमार ने लाॅक डाउन के कारण खेती पर पड़ रहे विपरीत असर पर किसानों को सलाह देते हुए कहा कि खेतों में काम करने के दौरान किसान सरकार द्वारा तय किये गये दिशा निर्देशों का पालने करते हुए सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखें ताकि वो बिमारी से भी बचे रहे और काम में भी को बाधा नही आये।
इस मौके पर श्री कुमार ने किसानों को गर्मी के मौसम में फसलों की बुआई व उनकी देखभाल के लिए कुछ अहम जानकारियां दी। उन्होने कहा कि खेतों में हरी खाद के लिए सनई व डैचा के साथ-साथ गवार, लोबिया व मूंग आदि की बुवाई कर सकते हैं। सनई की बीज दर 60 से 70 और डैचा की 50 से 60 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बुआई कर सकते है। अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है। गवार, मक्का बाजरा और लोबिया आदि चारा फसलों की बुवाई भी इस समय की जा सकती है। बुवाई के समय खेत में उचित नमी होनी आवश्यक है। डन्होने बताया कि बीजों को तीन से चार सेंटीमीटर गहराई पर डालें और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25 से 30 सेंटीमीटर रखें। इस समय किसान अरहर और कपास की बुवाई के लिए भी खेतों को तैयार करें। और इसके लिए बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें। तापमान अधिक रहने की संभावना को देखते हुए किसान सब्जियों की तुड़ाई सुबह-शाम ही करें। इसके बाद इसे छायादार स्थान में रखें। इस मौसम में बेलवाली फसलों में न्यूनतम नमी बनाए रखें अन्यथा मृदा में कमी होने से प्रांगकण पर असर हो सकता है जिससे फसल उत्पादन में कमी आ सकती है।
उन्होने बताया कि भिंडी की फसल में तोड़ाई के बाद यूरिया 5 से 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से डालने तथा माइट कीट की निरंतर निगरानी करते रहने की भी सलाह दी और कहा कि अगर यह कीट अधिक दिखाई देता है तो डेढ़ से 2 मिलीमीटर इथियान प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करे जब आसमान साफ हो। इस मौसम में भिंडी की फसल में हल्की सिंचाई कम अंतराल पर करें। बैंगन तथा टमाटर की फसल को फल छेदक कीट से बचाव हेतू ग्रसित फलों तथा प्रोहो को इकट्ठा कर नष्ट कर दें। यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड कीट नाशी की 4.8 से 1 मिलीलीटर 4 लीटर पानी की दर से छिड़काव करे। उन्होने कहा कि इन दिनो किसान अनाज भंडारण को लेकर काफी चिंतित होता है तो इसके लिए उन्होने बताया कि अनाज का भंडारण में रखने से पहले भंडार घर की सफाई करें, अनाज को सुखाने व दानों में नमी 12ः से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। भंडार घर को अच्छे से साफ कर ले छत व दीवार के ऊपर दरारें हैं तो इन्हें ठीक कर ले। बोरियों को नीम तेल के घोल से उपचारित करें और बोरियों को धूप में सुखाकर रखें जिससे कि कीटो के अंडे था लारवा तथा अन्य बीमारियां आदि नष्ट हो जाए। रबी की फसल की कटाई के बाद खाली खेतों की गहरी जुताई कर जमीन को खुला छोड़ दें ताकि सूर्य की तेज धूप से गर्मी के कारण इस में कीड़ों के अंडे तथा घास के बीज नष्ट हो जाए। इस मौसम में किसान अपनी मिट्टी की जांच भी जरूर करवाये और इसके लिए प्रमाणित स्रोत से करवाएं और जहां संभव हो अपने खेत का समतलीकरण भी करवाएं ताकि अगली फसल के लिए सही जमीन तैयार हो सके।
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