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    रोहतक पीजीआई में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/रोहतक/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- भारत बायोटेक के द्वारा तैयार की गई कोरोना वैक्सीन (कोवैक्सीन) का रोहतक पीजीआई में मानव परीक्षण शुरू हो गया है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सभी ने वैक्सीन को बहुत अच्छी तरह से सहन किया है। इसका कोई दुष्परिणाम देखने को नहीं मिला है।
    कोरोना वायरस का बढ़ता संक्रमण देश और दुनिया के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है। हर दिन कोरोना संक्रमण और इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। भारत में भी कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 10 लाख पार कर चुका है। हालांकि राहत की बात है कि इससे ठीक होने वालों की संख्या भी यहां तेजी से बढ़ रही है। पहले के मुकाबले भारत की रिकवरी दर काफी बढ़ी है। कोरोना से जंग में जूझ रहे भारत में दो वैक्सीन (भारत बायोटेक और जायडस कैडिला कंपनी द्वारा) का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसकी वैक्सीन उपलब्ध होगी। इस बीच एक बड़ी खबर ये आ रही है कि जायडस कैडिला कंपनी को कोविड-19 के इलाज के लिए एक खास थेरेपी के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मिल गई है।
    वैसे तो देश में कोरोना महामारी को लेकर कई कंपनियां अपनी-अपनी वैक्सीन बनाने को लेकर काम कर रही है। लेकिन भारत बायोटेक के द्वारा तैयार की गई कोवैक्सीन का प्रथम चरण का ट्रायल रोहतक के पीजीआई अस्पताल में आरंभ हो गया है। हरियाणा सरकार ने मानव परीक्षण के लिए कंपनी को इजाजत दे दी है। इस संबंध में मंत्री अनिल विज ने बताया कि पहले मानव परीक्षण वैक्सीन ने बहुत अच्छी तरह से काम किया है और जितने भी परीक्षण किये गये सभी के सकारात्मक परिणाम सामने आये है। लेकिन अभी भी इस वैक्सीन को कई तरह की जांच से गुजरना होगा और इसे तीन चरणों में मानवों पर इसका परीक्षण किया जायेगा। वहीं सरकार ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की इजाजत दे दी है जो 50 फीसदी या उससे अधिक की शारीरिक अक्षमता वाले हैं। इसके अलावा दृष्टिहीन कर्मचारियों को भी घर से ही काम करने की अनुमति दी गई है।

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