– खाद्य, पोषण और आर्थिक सुरक्षा में मशरूम की भूमिका पर जोर, किसानों को मिला व्यावहारिक अनुभव
– मुरथल और सोनीपत फ़ार्म विज़िट से प्रशिक्षणार्थियों को मिला आधुनिक मशरूम उत्पादन का ज्ञान
– डॉ. पी.के. गुप्ता ने मशरूम को रोजगार और स्व-रोजगार का लाभकारी उद्यम बताया
– प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र, किचन गार्डन किट और ऑयस्टर मशरूम बैग देकर किया गया सम्मानित

मानसी शर्मा/- राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ) द्वारा आयोजित पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “मशरूम उत्पादन तकनीक एवं सस्योत्तर प्रबंधन” का सफल समापन हुआ। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, उत्तराखण्ड और दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों से 34 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण के दौरान खाद्य, पोषण एवं आर्थिक सुरक्षा में मशरूम की भूमिका पर विशेष जोर दिया गया। प्रतिभागियों को धान की पराली व गेहूँ की भूसी जैसे कृषि अवशेषों के वैज्ञानिक निपटान के बारे में जानकारी दी गई। व्यावहारिक अनुभव हेतु प्रशिक्षणार्थियों को एचएआईसी मशरूम अनुसंधान एवं विकास केन्द्र, मुरथल (जहाँ डॉ. अजय यादव ने मार्गदर्शन दिया) और श्री बिजेन्द्र धनखड़ के सोनीपत स्थित फ़ार्म का भ्रमण कराया गया।

श्री एस.सी. तिवारी, सहायक निदेशक एवं प्रशिक्षण समन्वयक ने बटन, डिंगरी (ऑयस्टर), मिल्की और शिटाके मशरूम की खेती से संबंधित विस्तृत सत्र लिए और चुनौतियों एवं उनके समाधान पर प्रकाश डाला। डॉ. गुरदीप रत्तू, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी ने मशरूम के पोषण मूल्य एवं रोग प्रबंधन पर व्याख्यान दिया।
डॉ. पी.के. गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक ने समापन सत्र में मशरूम उत्पादन को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए प्रशिक्षणार्थियों को अर्जित ज्ञान का प्रसार करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने सरकारी योजनाओं और प्रोत्साहनों का लाभ उठाकर सफल मशरूम उद्यम स्थापित करने की दिशा में मार्गदर्शन दिया।
इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र, एनएचआरडीएफ किचन गार्डन किट एवं ऑयस्टर मशरूम बैग प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में डॉ. रजनीश मिश्रा (संयुक्त निदेशक), श्री संजय सिंह (उपनिदेशक), श्री ज्ञान प्रकाश द्विवेदी (उपनिदेशक), श्री सुधीर कुमार (सहायक निदेशक), डॉ. शरद तिवारी, डॉ. आर.पी. पांडे, श्रीमती विजेता एवं श्री जे.पी. शर्मा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन डॉ. शरद तिवारी के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने प्रशिक्षकों, प्रतिभागियों एवं सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।


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