RIMS-2 जमीन विवाद ने पकड़ा तूल, पूर्व CM चंपई सोरेन नजरबंद, बेटा हिरासत में

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December 24, 2025

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RIMS-2 जमीन विवाद ने पकड़ा तूल, पूर्व CM चंपई सोरेन नजरबंद, बेटा हिरासत में

झारखंड/अनीशा चौहान/- झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता चंपई सोरेन को रविवार 24 अगस्त सुबह उनके रांची स्थित आवास पर नजरबंद कर दिया गया। उनके साथ उनके बेटे को भी हाउस अरेस्ट में रखा गया है। यह कार्रवाई रांची के नगड़ी क्षेत्र में प्रस्तावित रिम्स-2 (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज-2) अस्पताल परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासी संगठनों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर की गई। पुलिस ने इस कदम को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए निवारक उपाय बताया है। तो वहीं, चंपई सोरेन ने इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक करार देते हुए कहा कि उन्हें आदिवासियों और उनके विरोध का समर्थन करने के कारण निशाना बनाया गया है।

क्या है रिम्स-2 जमीन विवाद?
दरअसल, रिम्स-2 परियोजना झारखंड सरकार द्वारा रांची के नगड़ी क्षेत्र में एक अत्याधुनिक स्वास्थ्य संस्थान के निर्माण के लिए शुरू की गई है। जिसकी कीमत लगभग 1,000 करोड़ रुपये है। इसके लिए स्थानीय आदिवासी समुदायों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है, जिसका आदिवासी और स्थानीय किसान लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि यह जमीन उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है और बिना उनकी सहमति के अधिग्रहण किया जा रहा है।

बता दें, हाल ही में चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) छोड़कर BJP में शामिल हुए हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर आदिवासियों के समर्थन में खुलकर बात की। उन्होंने रविवार को नगड़ी में एक प्रतीकात्मक हल चलाने के कार्यक्रम में हिस्सा लेने की योजना बनाई थी, जिसमें हजारों समर्थक शामिल होने वाले थे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासियों और किसानों के जमीन के अधिकारों के लिए आवाज उठाना था।

हाउस अरेस्ट हुए चंपई सोरेन
वहीं, इस मामले में रांची शहर के उप पुलिस अधीक्षक (DSP) के.वी. रमन ने बताया कि चंपई सोरेन को नजरबंद करने का फैसला विरोध प्रदर्शनों के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लिया गया। इसके साथ चंपई के बेटे बाबूलाल सोरेन और उनके समर्थकों को एक पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया गया। इतना ही नहीं, रांची में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। साथ ही. विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए शहर के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं।

दूसरी तरफ, चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी नजरबंदी की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा ‘झारखंड सरकार ने मुझे आज सुबह से नजरबंद कर रखा है ताकि मैं नगड़ी के आदिवासी और स्वदेशी किसानों की आवाज उठाने से रोक सकूं।’ उन्होंने इस कार्रवाई को लोकतंत्र के खिलाफ बताया और कहा कि वह आदिवासियों के हक के लिए लड़ते रहेंगे।

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