• DENTOTO
  • जून के अंत तक दिल्ली में होंगे कोरोना के 1 लाख मरीज

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 11, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    जून के अंत तक दिल्ली में होंगे कोरोना के 1 लाख मरीज

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली में जून के अंत तक कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या एक लाख के पार जाने अनुमान जताया जा रहा है। यह अनुमान दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी ने जताया है। कमेंटी का कहना है कि जून अंत तक दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर कम से कम एक लाख तक पहुंच सकती है। इस अनुमान के आधार पर, कमेटी ने सरकार से राजधानी में मरीजों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 15,000 बेड की व्यवस्था करने को कहा है।
                                यहां बता दें कि 2 जून को सरकार ने दिल्ली में कोविड-19 प्रबंधन के लिए डॉक्टरों की पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। जिसका काम – कोरोना से निपटने के लिए दिल्ली के अस्पतालों की तैयारियां देखना, स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में वृद्धि और किसी अन्य क्षेत्र में जहां राजधानी में कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना था।
                                 इस संबंध में कमेटी के अध्यक्ष डॉ. महेश वर्मा ने बताया कि हमने अहमदाबाद, मुंबई और चेन्नई जैसे अन्य शहरों के रुझानों को स्टडी किया है। हमारी गणना के अनुसार, जून के अंत तक राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख को पार कर सकता है। हमने 15,000 बेड की अतिरिक्त सुविधा तैयार करने की सिफारिश करते हुए सरकार को अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है। हम चाहते हैं कि किसी भी मरीज परेशानी न हो। हम वायरस से निपटने के लिए तैयार हो रहे हैं। डॉ. महेश वर्मा ने कहा कि कोरोना के इलाज के लिए इन बेड्स को होटलों में भी शिफ्ट किया जा सकता है, लेकिन उनमें ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति होनी चाहिए।
                              एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दिल्ली की कोरोना का डबलिंग रेट 15 दिनों का है। हमारे अनुमानों के आधार पर, मरीजों की संख्या में वृद्धि होगी। लगभग 25 प्रतिशत मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होगी। अधिकांश मरीजों की चिकित्सा स्थिति श्हाइपोक्सियाश् की होगी और 5 प्रतिशत मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी। इसलिए, हमने सरकार को मरीजों के लिए अधिक से अधिक ऑक्सीजन सप्लाई की सुविधा की व्यवस्था करने की सलाह दी है। हाइपोक्सिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें मरीज का पूरा शरीर या शरीर का एक हिस्से पर्याप्त ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को 15 जुलाई तक लगभग 42,000 बेड की आवश्यकता होगी। वहीं, इसके साथ ही इस कमेटी ने सुझाव दिया है कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर दिल्ली के स्वास्थ्य ढांचे का इस्तेमाल केवल दिल्लीवासियों के इलाज में होना चाहिए। यह सुझाव ऐसे वक्त आया है जब पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में हर रोज संक्रमण के एक हजार से ज्यादा मामले आ रहे हैं और अस्पतालों में बेड तथा अन्य सुविधाओं की कमी को लेकर श्आपश् सरकार पर आरोप लगे हैं।
                            इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. महेश वर्मा के नेतृत्व वाली कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि अगर दिल्ली का स्वास्थ्य ढांचा बाहर के लोगों के लिए खुला रहा तो महज तीन दिन में सारे बेड भर जाएंगे। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को मंत्रिमंडल की बैठक होगी। उसमें रिपोर्ट पर अंतिम फैसला होने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि सरकार कमेटी के सुझावों को स्वीकार कर सकती है। कमेटी के सदस्यों में जीटीबी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुनील कुमार, दिल्ली चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. अरुण गुप्ता, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आर.के. गुप्ता और मैक्स अस्पताल के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर निदेशक डॉ. संदीप बुद्धिराजा हैं।
                            ज्ञात हो कि शनिवार को दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 1,320 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद यहां ब्व्टप्क्-19 मामलों की कुल संख्या 27,654 हो गई है। आज तक, राजधानी में वायरस के कारण मरने वालों की संख्या 761 है।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox