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    टिड्डी दल से बचाव पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कृषि विज्ञान केंद्र उजवा दिल्ली एवं कृषि सिंचाई विकास विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में संयुक्त तत्वाधान में टिड्डी दल से बचाव के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम एवं प्रदर्शन का आयोजन क्षेत्र के दरियापुर कला गांव में किया, जिसमें दिल्ली कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक श्री ए पी सैनी एवं कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ पी के गुप्ता उपस्थित हुए। इस कार्यक्रम में करीब 35 किसानों ने भाग लिया।
                                 इस अवसर पर श्री डॉ ए पी सैनी ने बताया कि पाकिस्तान से राजस्थान में घुसा टिड्डी दल ने किसानों व हरियाली के लिए विकट समस्या उत्पन्न कर दी है और अब हमारे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी इसके आने की संभावना है क्योंकि अभी दिल्ली के चारों तरफ हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में टिड्डी दल अपना प्रभाव डाल चुका है। जिसकी हवा के रुख से हमारे राजधानी क्षेत्र में भी आने की संभावना बनी हुई है, जिसके लिए हमें सामरिक रूप से कृषि विभाग के साथ मिलकर समाधान निकालना है। उन्होने कहा कि यदि आपको कहीं भी टिड्डी की संभावना लगे तो आप कृषि विभाग को सूचित करें ताकि समय रहते उसकी उचित रोकथाम के लिए कदम उठाये जा सकें। कार्यक्रम के क्रम में कृषि विज्ञान केंद्र उजवा दिल्ली के अध्यक्ष डा. पी के गुप्ता ने टीडी के जीवन चक्र एवं हानिकारक अवस्था के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि हवा के रुख के अनुसार 1 दिन में टीडी 100 से 150 किलोमीटर तक की दूरी तय करती है और जहां यह प्रभाव डालते हैं वहां 1 दिन में 10 हाथियों 25 लोगों के बराबर भोजन कर लेती है। फसलो, फल- फलों व पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचा कर आगे बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र दिल्ली भी तकनीकी ज्ञान प्रदर्शन एवं नियंत्रण के लिए आपके साथ प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में कृषि विज्ञान केंद्र उजवा के पादप सुरक्षा विशेषज्ञ डॉक्टर डी के राणा पे टिड्ड़ियों के दल से बचाव के लिए निम्न विधियों के बारे में अवगत कराया-
    – खेत के किनारे पर नालिया बनाकर नाली में पानी भरे तथा लाइन में गिरने वाले अंडो व बच्चों को मिट्टी में दबा दें
    – टिड्डियों के प्रवेश करने पर ढोल नगाड़े एवं थाली बजाकर तेज आवाज करे
    -टिड्डियों को खेत फसलों एवं पौधों पर बैठने से रोकने के लिए खेत में सूखे मिर्च के पौधों को जलाएं जिससे विषैली गैस पैदा होती है जिसमें टिडियां भाग जाती है।
    -खेतों में जगह जगह आग जलाकर धंुआ करने से टिड्डियां उस जगह से दूर भाग जाती है
    -टिड्डियों से निपटने के लिए रासायनिक दवाओं का प्रयोग करें
    -लेम्बडा कीहालोथ्रिन-2 मिलीलीटर प्रति लीटर,
    – क्लोरो पायरीफास- 1.2 लीटर 3 मिलीलीटर प्रति लीटर
    – पाउडर फैलवनेरेट 10 किलाग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से फसल पर छिड़काव या बुरकाव करें
                        इसी क्रम में किसानों को धान की फसल की सीधी बुवाई के बारे में कृषि विज्ञान केंद्र दिल्ली के शस्य विज्ञान विशेषज्ञ डॉक्टर समर पाल सिंह ने किसानों को शून्य तकनीकी विधि से बुवाई के बारे में अवगत करवाया एवं धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण, खाद, उर्वरक का प्रयोग, बुवाई का तरीका आदि के बारे में जानकारी साझा की। केंद्र के प्रसार विशेषज्ञ श्री कैलाश में किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र के संचार माध्यम के प्लेटफार्म के बारे में अवगत कराया एवं बताया कि आप कृषि विज्ञान केंद्र के व्हाट्सएप नंबर 09667 97115 पर अपनी खेती से संबंधित कुछ भी समस्या जैसे रोग प्रबंधन, टिड्डी प्रबंधन एवं कृषि की आधुनिक तकनीक की जानकारी के बारे में सूचना प्राप्त कर सकते हैं। इसमें आपको अपने मोबाइल पर ही समस्या का समाधान मिल जाएगा। इस कार्यक्रम में कृषि विभाग विकास विभाग एवं नरेला वीडियो ऑफिस के अधिकारियों ने भाग लेकर अपने अपने विचार प्रस्तुत किए। इस दौरान 35 प्रगतिशील किसानों ने नियंत्रण की जानकारी प्राप्त की।

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