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    कोरोना वाॅरियर्स की सुरक्षा पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए मोदी सरकार काफी सजग हो गई है। मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए इस मामले में अध्यादेश लाने का फैसला लिया है। आज कैबिनेट की एक अहम बैठक में 123 साल पुराने अध्यादेश को  बदलने का निर्णय लिया गया जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया है।
                                  कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार एक नया अध्यादेश लाई है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट की बैठक के बाद बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ होने वाले हमलों और उत्पीड़न को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनकी सुरक्षा के लिए सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जल्द जारी करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से जारी होगा। अध्यादेश में सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। जावड़ेकर ने कहा कि डॉक्टर पर हमला करना गैर जमानती अपराध होगा।

    अध्यादेश में क्या होगा सजा का प्रावधान?
    3 महीने से 5 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. 50 हजार से 2 लाख तक जुर्माना भी होगा। ज्यादा नुकसान हुआ तो 6 महीने से 7 साल तक की सजा हो सकती है। 30 दिन में मुकदमा चलना शुरू हो जाएगा और 1 साल में फैसला आएगा. अगर स्वास्थ्य कर्मी की गाड़ी का नुकसान हुआ है तो इसके लिए हमला करने वाले से मार्केट दर से दोगुना मुआवजा लिया जाएगा। देश के कई स्थानों पर चिकित्सा कर्मियों पर हमले की घटनाओं की पृष्ठभूमि में मोदी सरकार ने ये फैसला लिया है। इससे पहले भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने कोरोना वायरस संकट के दौरान अपनी ड्यूटी कर रहे डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों के विरोध में एक प्रदर्शन का फैसला लिया था। बाद में आईएमए ने सरकार से आश्वासन मिलने के बाद विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया।

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