दिल्ली पंचायत संघ की मांग: किसानों की कृषि भूमि का सर्कल रेट बढ़ाकर 10 करोड़ प्रति एकड़ किया जाए

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 23, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

दिल्ली पंचायत संघ की मांग: किसानों की कृषि भूमि का सर्कल रेट बढ़ाकर 10 करोड़ प्रति एकड़ किया जाए

- सर्कल रेट बढ़ाकर फाईल तुरंत उपराज्यपाल को भेजें। थान सिंह यादव - गांवों के मालिकाना हक की फाइलों पर तुरंत काम करें। पंचायत संघ - पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल गांवों व किसानों के बीच जनता अदालत लगाएं। पंचायत संघ

नई दिल्ली/थान सिंह यादव/-  दिल्ली पंचायत संघ के प्रमुख थान सिंह यादव ने मुख्यमंत्री आतिशि से मांग की है कि दिल्ली देहात और किसानों की कृषि भूमि का सर्कल रेट बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये प्रति एकड़ किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आग्रह किया कि शहरी विकास विभाग में वर्ष 2013 से लंबित 131 गांवों की 244 फाइलें, जो मालिकाना हक से संबंधित हैं, उन पर तुरंत कार्रवाई की जाए और फाइलों का निपटारा किया जाए।

थान सिंह यादव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली देहात, गांवों और गरीब ग्रामीण किसानों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने अपने कार्यकाल में दिल्ली की कृषि भूमि के सर्कल रेट बढ़ाने के लिए इसे अलग-अलग जोन में विभाजित किया, लेकिन विरोध के बाद इस फाइल को दबाकर रख दिया गया। इसके चलते न तो सर्कल रेट में बढ़ोतरी हुई और न ही मालिकाना हक से संबंधित फाइलों पर कोई प्रगति हुई, जिससे दिल्ली के ग्रामीणों और किसानों में भारी आक्रोश है।

पंचायत संघ की 18 सूत्रीय मांगें
यादव ने मुख्यमंत्री आतिशि से यह भी कहा कि दिल्ली देहात और गांवों की 18 सूत्रीय मांगों में से विशेष रूप से इन दो प्रमुख मांगों को 15 दिनों के भीतर पूरा किया जाए। अन्यथा, दिल्ली पंचायत संघ और दिल्ली के 360 गांवों की पंचायतें आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगी।

यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी आग्रह किया कि वे दिल्ली के देहात और किसानों के बीच जाकर “जनता अदालत” लगाएं और उनकी समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने ग्रामीणों और किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आगामी चुनावों में यह मुद्दा बड़ा विरोध पैदा कर सकता है।

अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री आतिशि और उनकी सरकार इन मांगों पर क्या कदम उठाती है और क्या इन फाइलों का निपटारा जल्द होता है।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox