
नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है जिसमें उन्होंने जजों से रिटायर होने के तुरंत बाद राजनीति में शामिल न होने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, “कल आप कोर्ट में थे और आज राजनीतिक पार्टी में, लोग क्या सोचेंगे?” CJI के इस बयान का उद्देश्य न्यायपालिका की निष्पक्षता और गरिमा को बनाए रखना है।
CJI ने अपने वक्तव्य में कहा कि रिटायरमेंट के तुरंत बाद राजनीति में प्रवेश करने से न्यायपालिका की विश्वसनीयता और निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह जनता की नजर में न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है और इससे न्याय प्रणाली में विश्वास घट सकता है।
उन्होंने जजों को यह भी सुझाव दिया कि वे रिटायरमेंट के बाद समाज सेवा और अन्य गैर-राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, जिससे वे समाज के लिए योगदान दे सकें और अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रख सकें। CJI के इस बयान का कानूनी समुदाय और आम जनता ने व्यापक रूप से समर्थन किया है। उनका मानना है कि न्यायपालिका की निष्पक्षता और स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
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