मानसी शर्मा / – बुधवार को संसद की सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला सामने आया था। जहां दर्शक दीर्घा से दो लोग संसद के मेन फ्लोर में घुस गए थे। जिसके बाद हड़कंप मच गया। इसी बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, इस सुरक्षा चूक के एक दिन पहले संसद भवन की सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने एक टेंडर निकाला था।
सीपीडब्ल्यूडी का ये टेंडर 35 करोड़ का है। जिसमें कुल 6 काम होने हैं। जिसमें रिसेप्शन लाउंज का पुनर्विकास, सिक्योरिटी ब्लॉक्स, ई एंड एम सर्विस, सिक्योरिटी गैजेट्स, बुलेटप्रूफ मोर्चा, सीवरेज और जल निकासी सहित बाहरी विकास के लिए कंपनियों से बोलियां लगाने को कहा था। वहीं पूरा प्रोजेक्ट कुल मिलाकर पांच महीने में तैयार होने वाला है।
प्रवक्ता ने नहीं की कोई टिप्पणी
बता दें, सीपीडब्ल्यूडी एक प्रोजेक्ट चला रहा है इस प्रोजेक्ट का नाम ‘संसद परिसर में रिसेप्शन लाउंज और अन्य सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का पुनर्विकास’ है।वहीं इस पर सीपीडब्ल्यूडी के प्रवक्ता ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। टेंडर की कॉपी कुल 36 पेज की है। दरअसल, सीपीडब्ल्यूडी ने ही संसद भवन परिसर का निर्माण किया है और इसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी एजेंसी के पास ही है।
50 करोड़ रुपये का भी टेंडर जारी हुआ
वहीं इस हफ्ते अतिरिक्त सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए टेंडर निकालने के अलावा सीपीडब्ल्यूडी ने संसद परिसर में भूनिर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये का टेंडर भी जारी किया है। इस टेंडर में सिंचाई, जल निकासी, सड़क, फुटपाथ और बागवानी पर काम करने के लिए कंपनियों से बोलियां लगाने को कहा गया।
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