दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों का प्रदूषण दे रहा डायबिटिज की भी बीमारी, दिल को भी है रिस्क, स्टडी में आया सामने

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 8, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों का प्रदूषण दे रहा डायबिटिज की भी बीमारी, दिल को भी है रिस्क, स्टडी में आया सामने

 मानसी शर्मा /-  दिल्ली, मुंबई और चेन्नै जैसे शहरों में सर्दियों के दिनों में वायु प्रदूषण चरम पर पहुंच जाता है। इसके चलते सांस लेने संबंधी परेशानियां होती हैं और कई तरह की एलर्जी की भी दिक्कतें आती हैं। इस बीच एक स्टडी में दावा किया गया है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है। रिसर्च का कहना है कि प्रदूषित हवा से टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है। दिल्ली और दक्षिण चेन्नै में की गई स्टडी के मुताबिक प्रदूषण के चलते वायु में बढ़े PM 2.5 पार्टिकल्स बढ़ जाते हैं। इनके सांस के साथ शरीर के भीतर जाने से ब्लड शुगर लेवल हाई होता है और लोगों में लंबे समय के लिए टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है।

बाल के मुकाबले भी करीब 30 गुना पतले PM 2.5 पार्टिकल्स के शरीर के अंदर जाने से दिल संबंधी बीमारियां और सांस से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। यह स्टडी उस लंबी रिसर्च का हिस्सा है, जो भारत में गंभीर बीमारियों को लेकर की गई है। इसकी शुरुआत 2010 में हुई थी। ऐसा पहली बार है, जब टाइप 2 डायबिटीज और बीमारी के बीच संबंध बताया गया है। भारत दुनिया के उन देशों में से एक है, जहां सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण है। दिल्ली, गाजियाबाद, मुंबई, आगरा, कानपुर समेत तमाम शहर हैं, जहां प्रदूषण का लेवल बहुत ज्यादा है।

इसके अलावा भारत में हाइपरटेंशन, डायबिटीज और दिल संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। देश की करीब 11 फीसदी आबादी शुगर से पीड़ित है। इसके अलावा 13 करोड़ से ज्यादा लोग प्री-डायबिटिक स्टेज में हैं। जून में प्रकाशित लेंसेट की स्टडी में यह दावा किया गया था। यह आंकड़ा यूरोप के मुकाबले कहीं ज्यादा है, जहां डायबिटीज के शिकार लोगों का प्रतिशत 6.2 फीसदी ही है। स्टडी में कहा गया है कि भारत में भी ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या अधिक है।

बीएमजे की स्टडी के तहत शोधकर्ताओं ने दिल्ली और चेन्नै के 12 हजार पुरुषों और महिलाओं पर स्टडी की। इस दौरान समय-समय पर इनका ब्लड शुगर लेवल चेक किया गया। इस दौरान यह भी देखा गया कि पलूशन का लेवल कितना था। फिर पाया गया कि पलूशन के दिनों में ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हुआ था। इसके अलावा एक साल तक लगातार पलूशन के दायरे में रहने से शुगर का खतरा 22 फीसदी तक बढ़ गया। स्टडी के अनुसार भारतीयों में वे लोग डायबिटीज प्रोन पाए गए, जिनका वजन अधिक बढ़ा हुआ था। डायबिटीज की एक वजह बदली हुई जीवनशैली भी मानी जा रही है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox