नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- अब दिल्ली हाईकोर्ट ने भी आप नेता मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट के इस फैसले से मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है। हालांकि कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को अपनी बिमार पत्नी से मिलने के लिए एक दिन की सशर्त इजाजत दे दी है।
मामले से जुड़ी 10 अहम जानकारियां :
-दिल्ली हाईकोर्ट ने आप नेता मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने अपनी बीमार पत्नी का एकमात्र देखभालकर्ता होने के आधार पर अंतरिम जमानत का अनुरोध किया था।
-होईकोर्ट ने कहा कि किसी एक दिन अपनी पत्नी से मिलने अस्पताल या घर जा सकते हैं सिसोदिया। मगर इस दौरान सिसोदिया मीडिया से बात नहीं करेंगे। अपनी पत्नी से मिलने के दौरान अपने परिवार के अलावा किसी से बात नहीं करेंगे सिसोदिया। जहां पर सिसोदिया अपनी पत्नी से मिलने जाएंगे वहां पर मीडिया का जमावड़ा नहीं होना चाहिए।
-दिल्ली उच्च न्यायालय ने सिसोदिया की छह सप्ताह की अंतरिम जमानत अर्जी पर शनिवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था और एलएनजेपी अस्पताल से सिसोदिया की पत्नी सीमा के स्वास्थ्य की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी थी।
-प्रवर्तन निदेशालय ने अंतरिम जमानत के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा था कि सिसोदिया सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। इससे मामले की जांच में बाधा आ सकती है, इसलिए आम नेता को जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
-सिसोदिया को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को आबकारी घोटाले में उनकी कथित भूमिका को लेकर गिरफ्तार किया था और वह तब से हिरासत में हैं। उच्च न्यायालय ने 30 मई को सीबीआई के मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।
-सिसोदिया को नौ मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज किए गए मामले में गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। हालांकि, मनीष सिसोदिया अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार कर चुके हैं।
-मनीष सिसोदिया उच्च न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद शनिवार को अपनी बीमार पत्नी सीमा से मिलने के लिए तिहाड़ जेल से अपने घर पहुंचे, लेकिन दोनों की मुलाकात नहीं हो सकी। बताया गया कि तबीयत बिगड़ने के कारण सिसोदिया की पत्नी को अस्पताल ले जाना पड़ा, जिस कारण दोनों की मुलाकात नहीं हो सकी।
-आम आदमी पार्टी (आप) के सूत्रों ने बताया कि सीमा ‘मल्टीपल स्केलेरोसिस’ (प्रतिरक्षा तंत्र से संबंधित रोग) से पीड़ित हैं और उन्हें पिछले महीने भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस हालत में उन्हें किसी अपने के साथ की जरूरत है। ऐसे में मनीष सिसोदिया को जमानत मिलनी चाहिए।
-दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कि पत्नी से मुलाकात के लिए जेल से बाहर आने के दौरान सिसोदिया मीडियाकर्मियों से या अपने परिवार से इतर किसी अन्य व्यक्ति से बात नहीं करेंगे और वह फोन या इंटरनेट का इस्तेमाल भी नहीं करेंगे।
-सीबीआई ने एक शराब लॉबी पर आरोप लगाया है कि उन लोगों ने शराब का लाइसेंस हड़पने की साजिश रची और मनीष सिसोदिया इसमें शामिल थे। एजेंसी इस दौरान पैसे के लेनदेन की बात भी कही है।
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की छह हफ्ते की अंतरिम जमानत की याचिका खारिज कर दी। विचाराधीन मामला कथित आबकारी नीति घोटाले से उत्पन्न मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है। सिसोदिया, जिन्हें 9 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, उन्होंने अपनी बीमार पत्नी के एकमात्र देखभालकर्ता होने के आधार पर अस्थायी आधार पर रिहाई की मांग की है। मामले में नियमित जमानत के लिए उनकी याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है। गौरतलब है कि दिल्ली आबकारी नीति को आप सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को लागू किया था, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच पिछले साल सितंबर के अंत में इसे खत्म कर दिया गया था।
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