• DENTOTO
  • बैठक में खाने की टेबल पर एक साथ आये किसान व मंत्री, सातवें दौर की बातचीत जारी

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 9, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    बैठक में खाने की टेबल पर एक साथ आये किसान व मंत्री, सातवें दौर की बातचीत जारी

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- किसान संगठनों के साथ सरकार की बैठक जारी है। इस बातचीत के दौरान लंच ब्रेक हुआ जिसमें मंत्रियों ने किसानों के साथ खाना खाया. किसानों ने अपने लिए खाना बाहर से मंगवाया था। दिल्ली के विज्ञान भवन के बाहर कार सेवा नाम की गाड़ी दिखी जो किसान नेताओं के लिए खाना लेकर पहुंची थी। सरकार और किसानों के बीच सातवें दौर की बैठक हो रही है।
    बता दें कि इस बैठक में किसान नेताओं ने कहा कि सरकार आगे नहीं बढ़ रही है और वे अपनी मांग पर अडिग हैं। किसानों की मांग है कि तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। इसके साथ ही किसान नेताओं ने मांग की कि आंदोलन के दौरान जिन किसानों ने जान गंवाई उनके परिवारों को न्याय और मुआवजा मिले।

    लंच ब्रेक तक दो मुद्दे पर हुई बात- सूत्र
    सूत्रों के मुताबिक, लंच ब्रेक तक किसानों और सरकार के बीच दो बिंदुओं पर बात हुई. कानून रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की बात हुई। बैठक में किसान नेताओं ने अपनी मांग को दोहराया। इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश सहित दूसरे अधिकारी शामिल हैं। सरकार के साथ सातवें दौर की बैठक के लिए 41 किसान संगठन पहुंचे हैं। पिछली बैठक 5 दिसंबर को हुई थी। बैठक से पहले केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने उम्मीद जताई कि आज की बैठक के बाद किसानों का आंदोलन खत्म हो जाएगा और सभी अपने परिवार के साथ नए साल का जश्न मनाएंगे। केंद्र ने सितंबर में लागू तीनों नए कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर करने के लिए खुले मन से तार्किक समाधान तक पहुंचने के लिए यूनियनों को 30 दिसंबर को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था।
    सरकार का कहना है कि इन कानूनों से कृषि क्षेत्र में सुधार होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी। लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को आशंका है कि नए कानूनों से एमएसपी और मंडी की व्यवस्था कमजोर होगी और किसान बड़े कारोबारी घरानों पर आश्रित हो जाएंगे।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox