राहुल को पीएम बनाकर ले लूंगा राजनीति से सन्यास- रावत

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September 7, 2024

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राहुल को पीएम बनाकर ले लूंगा राजनीति से सन्यास- रावत

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/देहरादून/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने अपनी राजनीतिक पारी को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हरीश रावत ने 2024 में संन्यास का ऐलान किया है। सोमवार सुबह हरीश रावत ने अपने फेसबुक पेज पर इसका ऐलान किया। हरीश रावत ने कहा कि वो 2024 में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के बाद राजनीति से संन्यास ले लेंगे। साथ ही उन्होंने अपने विरोधियों पर तीखा प्रहार भी किया है।
हरीश रावत ने विरोधियों पर वार से लेकर अपने संन्यास को लेकर लंबा संदेश लिखा है। उन्होंने इस संदेश में कहा, महाभारत के युद्ध में अर्जुन को जब घाव लगते थे, वो बहुत रोमांचित होते थे। राजनैतिक जीवन के प्रारंभ से ही मुझे घाव दर घाव लगे, कई-कई हारें झेली, मगर मैंने राजनीति में न निष्ठा बदली और न रण छोड़ा। मैं आभारी हूं। उन बच्चों का जिनके माध्यम से मेरी चुनावी हारें गिनाई जा रही हैं, इनमें से कुछ योद्धा जो आरएसएस की क्लास में सीखे हुए हुनर, मुझ पर आजमा रहे हैं। वो उस समय जन्म ले रहे थे, जब मैं पहली हार झेलने के बाद फिर युद्ध के लिए कमर कस रहा था। कुछ पुराने चकल्लस बाज हैं जो कभी चुनाव ही नहीं लड़े हैं और जिनके वार्ड से कभी कांग्रेस जीती ही नहीं, वो मुझे यह स्मरण करा रहे हैं कि मेरे नेतृत्व में कांग्रेस 70 की विधानसभा में 11 पर क्यों आ गई। ऐसे लोगों ने जितनी बार मेरी चुनावी हारों की संख्या गिनाई है, उतनी बार अपने पूर्वजों का नाम नहीं लिया है, मगर यहां भी वो चूक कर गये हैं।
हरीश रावत ने आगे कहा कि चुनावी हारों के अंकगणित शास्त्रियों को अपने गुरुजनों से पूछना चाहिए कि उन्होंने अपने जीवन काल में कितनों को लड़ाया और उनमें से कितने जीते? यदि अंक गणितीय खेल में उलझे रहने के बजाय आगे की ओर देखो तो समाधान निकलता दिखता है। श्री त्रिवेंद्र सरकार के एक काबिल मंत्री जी ने जिन्हें मैं उनके राजनैतिक आका के दुराग्रह के कारण अपना साथी नहीं बना सका, उनकी सीख मुझे अच्छी लग रही है। मैं संन्यास लूंगा, अवश्य लूंगा मगर 2024 में, देश में राहुल गांधी जी के नेतृत्व में संवैधानिक लोकतंत्रवादी शक्तियों की विजय और श्री राहुल गांधी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही यह संभव हो पायेगा, तब तक मेरे शुभचिंतक मेरे संन्यास के लिये प्रतीक्षारत रहें।

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