विरोध के बावजूद दिल्ली में हर तरफ चीनी सामान की भरमार

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
October 18, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

विरोध के बावजूद दिल्ली में हर तरफ चीनी सामान की भरमार

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- भारत-चीन में सीमा को लेकर चल रही तनातनी और चीनी सामान के विरोध के बावजूद दिल्ली के बाजारों में दिवाली के मौके पर एक बार फिर चीन में बने उत्पादों की भरमार है। रोशनी के इस त्योहार पर घरों को सजाने के लिए लड़ियां हो या झालर, सजावट के लिए चीनी उत्पादों की जबरदस्त बिक्री हो रही है। हालांकि, कोरोना काल में करीब सात महीने बाद पहली बार दीपोत्सव के लिए उत्पादों की बिक्री में 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। सामाजिक दूरी और मास्क लगाने को सख्ती से लागू करने में सिविल डिफेंस और पुलिसकर्मी भी लगातार डटे हुए हैं। फिर भी बाजार में लौटी रौनक के बीच संक्रमण के बढ़ने के खौफ से बेफिक्र ग्राहक खरीदारी करने में पीछे नहीं हैं।
शनिवार को सदर बाजार में इतनी जबरदस्त भीड़ थी कि दुकानों के बाहर पैर रखने तक की जगह नहीं थी। डिजाइन कैंडल, लड़ियां, डिजाइनर लाइट, घड़ियां, क्रॉकरी के अलावा दीये भी अलग-अलग लुक में ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। खरीदारी के लिए दिल्ली और एनसीआर के शहरों के लोगों की भीड़ काफी अधिक थी। दुकानदार भी पूरे दिन व्यस्त नजर आए।
सजावट के डिजाइनर उत्पादों के विक्रेता मनीष ने बताया कि उनके यहां लड़ियां, वॉल हैंडिंग, शुभ दीपावली, पमपम और सजावटी फूल अलग-अलग कीमत के रखे गए हैं, ताकि हर वर्ग के ग्राहकों की मांग पूरी हो सके। इनकी कीमत 30 रुपये से 200-300 रुपये के बीच है। डिजाइनर सजावटी आइटमों की बिक्री के बारे में मनीष ने बताया कि लॉकडाउन की तुलना में बिक्री में करीब 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। बाजार में हर तरह के उत्पाद हैं और देश में तैयार हुए उत्पादों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पाइप और लड़ियों के अंदर चमचमाती रोशनी हो या दीवार पर लटकाने वाली लाइटिंग, इसकी भी खूब मांग है। अच्छी क्वालिटी के बड़ी लड़ियों की कीमत 600-800 रुपये के बीच है, जबकि इससे कम कीमत की लाइटों की भी खूब बिक्री हो रही है।
फूलों से लेकर क्रॉकरी उत्पादों की भी सदर बाजार में इतनी बिक्री हो रही है कि शायद ही किसी दुकानदार के पास बात करने का वक्त था। इंदरजीत सिंह ने बताया कि इस साल भी चीन में तैयार उत्पाद बाजार में हैं, लेकिन पिछले साल की तुलना में भारतीय उत्पादों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल चीन में तैनात 70 फीसदी उत्पाद थे, जिसमें कमी के बाद 55-60 फीसदी तक रह गया है। भारत में तैयार हुए उत्पादों की बाजार में मौजूदगी थोड़ी बढ़ी हैं, लेकिन चीन के उत्पादों की अभी भी मौजूदगी बनी हुई है। डिनर सेट, टी सेट, कप के अलावा क्रॉकरी उत्पाद लोग एक दूसरे को देने के लिए भी खरीद रहे हैं।
पांच पीढ़ियों से ड्राई फ्रूट्स बिक्री करने वाले परिवार के कुणाल गुप्ता ने बताया कि बादाम, पिस्ता, अखरोट, काजू, किसमिस की मांग पहले की तरह है, लेकिन इस बार चार-पांच ड्राई फ्रूट्स को मिलाकर तैयार किए जाने वाले हैंपर का साइज थोड़ा छोटा हो गया है। वजह यह है कि ग्राहकों की मांग, कम खर्च में एक खूबसूरत पैकिंग गिफ्ट के लिए खरीदने वालों की संख्या भी इस साल पहले से कम है। बादाम की कीमत 540-580, अखरोट 650-670 तो पिस्ता करीब 850, जबकि काजू 720-750 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहे हैं। डिजाइनर पैक में ग्राहक, थोड़े कम वजन वाले पैकिंग की अधिक मांग कर रहे हैं।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox