
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- राजधानी में बढ़ते प्रदूषण और कोरोना संक्रमण के कारण शुक्रवार रात 12 बजे से दिल्ली सरकार ने पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी। इससे पहले देर रात तक अलग-अलग इलाकों में दुकानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ी रही।
आलम यह रहा कि आखिरी वक्त में दीपावली के लिए बाकी खरीदारी छोड़कर भी लोग पटाखे खरीदने के लिए लाइनों में नजर आए। सदर बाजार, नई दिल्ली समेत अन्य जगहों पर ग्राहक पटाखों की खरीदारी के लिए उमड़ पड़े। दुकानों पर संदेश लिखे थे कि यहां ग्रीन पटाखे और प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री नहीं होती है, लेकिन कुछ जगहों पर पारंपरिक पटाखे भी पिछले दरवाजे से बेचे जा रहे थे।
कोरोना काल में संक्रमण के बढ़ने की आशंका के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने पटाखे जलाने पर पाबंदी का असर यह दिखा कि लोग इस बार एक हफ्ते पहले ही पटाखे इकट्ठा करने लगे, ताकि त्योहार के मौके पर उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। सदर बाजार के बाहरी सड़क पर पटाखों की बिक्री के लिए लगी दुकानों के बाहर आग से बचाव के लिए रेत, पानी की बाल्टियां समेत सभी इंतजाम दिखे, लेकिन स्टॉक कहीं खत्म न हो जाए, इसलिए आखिरी वक्त तक भी पटाखों की खरीदारी के लिए ग्राहकों की भीड़ कम नहीं हुई। बढ़ती मांग को देखते हुए ग्राहक पटाखों पर अधिक खर्च के लिए तैयार नजर आए।
दबी जुबान में दुकानदारों का कहना है कि एक हफ्ते पहले पटाखों की बिक्री बंद होने से क्या इसका इस्तेमाल रुक जाएगा? क्या इससे सही मायने में प्रदूषण कम होगा। हालांकि, सरकार की ओर से इस फैसले के बाद सभी तरफ पटाखों के इस्तेमाल पर पाबंदी के लिए तैयारियों में विभागीय कर्मी और अधिकारी जुट गए हैं। हाल ही में करवाचैथ के मौके पर भी इस बार लोगों ने खूब पटाखे जलाए। आखिरी दिन का स्टॉक होने के बाद इस बार भी दीपावली पर पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण पाबंदी को लागू करना एक बड़ी चुनौती होगी।
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