• DENTOTO
  • जमीन होते हुए भी बाहर से अनाज खरीदने को मजबूर रावता गांव के किसान, अब आर-पार के मूढ में किसान

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    May 29, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    जमीन होते हुए भी बाहर से अनाज खरीदने को मजबूर रावता गांव के किसान, अब आर-पार के मूढ में किसान

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- देश की राजधानी का एक गांव ऐसा भी है जहां जमीन होते हुए भी रावता गांव के किसान बाहर से अनाज खरीदने को मजबूर है। हालांकि कई बार ग्रामीण अपनी समस्या से दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल व केंद्र सरकार को भी अवगत करा चुके है। लेकिन आज तक रावता गांव के किसानों की समस्या का कोई समाधान नही निकला है जिसकारण ग्रामीण काफी परेशानी में है।
    रावता गांव के ग्रामीण अब आर-पार के मूढ़ में दिखाई दे रहे है और उन्होने इसके लिए गांव में एक महापंचायत का आयोजन किया जिसमें भारतीय किसान यूनियन ने रविवार को रावता गांव में जलभराव को लेकर हुई महापंचायत में भाग लिया। पंचायत में ग्रामीणों ने भाकियू अध्यक्ष विरेन्द्र डागर के समक्ष नजफगढ़ झील की वजह से डूबी रावता गाँव की जमीन को लेकर चर्चा की। साथ ही दिल्ली सरकार व प्रशासन द्वारा ग्रामीणों की समस्या पर ध्यान नही दिये जाने को लेकर भी ग्रामीणों ने अपनी नाराजगी जाहिर की। साथ ही ग्रामवासियों ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अपने सुझाव भी यूनियन के पदाधिकारियों के समक्ष रखे। ज्यादातर ग्रामवासी चाहते है कि या तो साहिबी नदी, जिसे ड्रेन 8 के नाम से भी जाना जा रहा है, की बची हुई पटरी बनाई जाए और अतिशीघ्र इस नहर की सफाई की जाए ताकि खेतों का पानी उसमे जा सके और किसानों की जमीन जलभराव से मुक्त हो सके। अन्यथा किसानो की जमीन को सरकार द्वारा लीज पर लिया जाए या फिर उचित मुआवजे के साथ इस भूमि का अधिग्रहण किया जाए। ग्रामवासियों ने इस विषय पर भी चर्चा की गयी कि किस प्रकार प्रशासन ग्रामवासियों की समस्या को अनदेखा कर किसान को जमीन होते हुए भी बाहर से अनाज खरीद के खाने को मजबूर कर रहा है।


    पंचायत में भाकियू नेता विरेन्द्र डागर ने ग्रामीणों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि विभिन्न स्तरों पर इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया जा रहा है। लेकिन सरकार व प्रशासन के रवैये को देखते हुए इस मुद्दे को और गंभीरता से उठाने की आवश्यकता है। सरकार इस विषय पर उचित गंभीरता नहीं दिखा रही है और रावता और आसपास के प्रभावित गांव इस विषय में जो भी फैसला करेंगे भाकियू पूरी तरह से उनके इस फैसले का समर्थन करेगी फिर चाहे इसके लिए सड़कों पर उतरना पड़े या किसी भी प्रकार का कोई धरना प्रदर्शन करना पड़े। उन्होने कहा कि हमारा प्रशासन से एक बार पुनः अनुरोध है कि इस समस्या का शीघ्र अतिशीघ्र समाधान कर दिया जाए अन्यथा किसान सड़कों पर उतरने को मजबुर होंगे। साथ ही उन्होने इसके अलावा किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद और किसान और मंडी विरोधी अध्यादेश को भी सभी किसानों ने एकमत से नकार दिया और अपना विरोध दर्ज कराया।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox