8 महीने से फरार मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस ने किया गिरफ्तार

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October 30, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

8 महीने से फरार मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस ने किया गिरफ्तार

-नासिर-जुनैद को भिवानी में जिंदा जलाने का है आरोप, गुरूग्राम मार्किट से किया गिरफ्तार

चंडीगढ़/शिव कुमार यादव/- पिछले 8 महीने से फरार चल रहे मोनू मानेसर को काफी जद्दोजहद के बाद आखिर हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मोनू पर भिवानी के नासिर-जुनैद हत्याकांड में शामिल होने का आरोप है। उसे राजस्थान पुलिस के हवाले किया जाएगा। मोनू को गुरूग्राम की मार्किट से पकड़ा गया है। वह पिछले 8 महीने से फरार था।
           बता दें कि 16 फरवरी 2023 को हरियाणा के भिवानी में बोलेरो गाड़ी में दो जली हुई लाशें मिलीं थीं। जांच में पता चला था कि ये लाशें राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमिका गांव के जुनैद और नासिर की थीं। हरियाणा के कई गो-रक्षकों पर उन्हें जिंदा जलाने का आरोप लगा। इनमें सबसे चर्चित नाम मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव का था।

हत्या के एक दिन पहले किडनैप हुए थे नासिर-जुनैद
राजस्थान के जिला भरतपुर के पहाड़ी इलाके के गांव घाटमीका निवासी नासिर (28) और जुनैद (33) को 15 फरवरी को किडनैप किया गया था। अगले दिन हरियाणा के भिवानी में बोलेरो में दोनों के कंकाल बरामद हुए थे। इस मामले में दोनों के परिवार ने बजरंग दल से जुड़े गोरक्षक मोनू मानेसर और उसके साथियों पर मारपीट के बाद दोनों को जिंदा जलाकर मार देने का आरोप लगाया था। इसके बाद भरतपुर थाना पुलिस ने मोनू मानेसर सहित अन्य लोगों पर विभिन्न धाराओं में केस भी दर्ज किया था। पुलिस इस केस में फरार 8 आरोपियों की फोटो भी जारी कर चुकी है।

नासिर-जुनैद हत्याकांड की पूरी कहानी

भाई की ससुराल से लौट रहे थे नासिर-जुनैद, बीच रास्ते में रोका
जुनैद के चचेरे भाई इस्माइल ने आरोप लगाया था कि जुनैद और नासिर 14 फरवरी को भोरूबास सिकरी गांव गए थे। यहां उनके भाई की ससुराल है। रात में वहीं रुक गए थे। बुधवार सुबह यानी 15 फरवरी को दोनों घर आ रहे थे। रास्ते में उनको बजरंग दल वालों ने रोक लिया। इनका नाम पूछा। इसके बाद दोनों को गाड़ी से खींचकर बाहर निकालने की कोशिश की गई। नासिर-जुनैद ने जैसे ही देखा कि उन्हें ये खींच रहे है, तो उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए अपनी गाड़ी बोलेरो को भगा दिया।
            परिवार का आरोप था कि जुनैद-नासिर को बोलेरो में जान बचाकर भागते देख आगे-पीछे से टक्कर मारी गई। इसके बाद दोनों से मारपीट की गई। मारपीट के बाद वह नासिर-जुनैद को पुलिस थाना फिरोजपुर झिरका ले गए। जहां पर बजरंग दल वालों ने दोनों को पुलिस को सौंपने की कोशिश की, लेकिन दोनों की हालत इस कदर खराब हो गई थी कि पुलिस ने दोनों को रखने से मना कर दिया।

जिंदा जलाकर मार दिया
परिवार का कहना था कि पुलिस के हिरासत में लेने से इनकार करने के बाद बजरंग दल के नेता मोनू मानेसर, रिंकू सैनी के अलावा 7 से 8 अन्य लोग दोनों को भिवानी ले गए। वहां उन्हें पिछली सीट पर बैठाकर बोलेरो समेत जिंदा जलाकर मार डाला। हमें सोशल मीडिया पर चली खबर के बाद दोनों की मौत का पता चला। गाड़ी के इंजन और चेसिस नंबर से पता चला कि ये हमारी गाड़ी है। मरने वाले हमारे दोनों भाई हैं।

नासिर-जुनैद मर्डर केस में अब तक क्या हुआ
जुनैद के चचेरे भाई इस्माइल ने 15 फरवरी को गोपालगढ़ थाना (भरतपुर) में दोनों के किडनैप और मारपीट का मामला दर्ज कराया था। इसमें अनिल निवासी मूलथान, श्रीकांत निवासी मरोड़ा, रिंकू सैनी निवासी फिरोजपुर झिरका, लोकेश सिंगला निवासी मानेसर (हरियाणा) पर आरोप लगाए गए थे।
एफआईआर के अगले दिन 16 फरवरी को जुनैद और नासिर दोनों की लाशें हरियाणा में भिवानी जिले के लोहारू में जली हुई हालत में बोलेरो गाड़ी में मिली थीं। इस मामले में भरतपुर थाना पुलिस ने किडनैप और हत्या का मामला दर्ज किया था।
            राजस्थान पुलिस ने मुख्य आरोपी रिंकू सैनी को गिरफ्तार कर लिया था। रिंकू सैनी से पूछताछ के आधार पर 8 आरोपियों के नाम फोटो सहित जारी किए। सभी 8 आरोपियों पर 10-10 हजार का इनाम भी रखा गया। इसके बाद इनमें से दो आरोपियों गोगी निवासी भिवानी और मोनू राणा निवासी पलुवास भिवानी को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। गोपालगढ़ पुलिस ने 16 मई को गिरफ्तार 3 आरोपियों रिंकू सैनी, गोगी और मोनू राणा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की, तब इस बात का खुलासा हुआ कि नासिर और जुनैद की हत्या में अभी 27 आरोपियों के खिलाफ इन्वेस्टिगेशन पेंडिंग है।
            चार्जशीट में मोहित उर्फ मोनू मानेसर, श्रीकांत मरोड़ा, अनिल मूलथान, लोकेश सिंगला, विकास आर्य, विशाल जेवली उर्फ नटवर, कालू उर्फ कृष्ण, बादल, शशिकांत, देवी लाल, भोलू, नवनीत, संजय परमार, दीपक, आजाद आचार्य, किशोर सैन, शिवम, तुषार उर्फ तन्नू, राजवीर, मनोज गुहाना, योगेन्द्र आचार्य, भोला सिलानी, रमेश उर्फ मेस्सा सिसर, आशु जांगडा, सुखविंद्र उर्फ सुक्खी, प्रवेश बॉक्सर और रविंद्र उर्फ कालिया की संलिप्तता बताते हुए जांच पेंडिंग रखने की बात थी। ये सभी हरियाणा के रहने वाले हैं।

मोनू मानेसर ने कहा था- इससे मेरा लेना-देना नहीं
फरवरी में हुए राजस्थान के भरतपुर निवासी नासिर-जुनैद हत्याकांड को लेकर मोनू मानेसर ने कहा कि मेरा इस केस से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि मैं उस दिन मेवात या राजस्थान या फिर भिवानी किसी जगह नहीं था। इसके मेरे पास सबूत है क्योंकि उस दिन मैं गुरुग्राम के एक होटल में था। मेरा तो नाम बेवजह घसीट दिया गया। मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया पर भी लिखा कि इस घटना से उसकी टीम का कोई लेना-देना नहीं है। न ही बजरंग दल हरियाणा का कोई संबंध है। जो भी आरोपी मिलें, पुलिस उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे।

नूंह हिंसा को लेकर भी मोनू मानेसर पर आरोप लगे
मोनू मानेसर पर नूंह में 31 जुलाई को ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा के आरोप भी लगे। मोनू ने यात्रा से कुछ दिन पहले एक वीडियो जारी किया था। जिसमें उसने लोगों से इस यात्रा में शामिल होने की अपील की थी। मोनू मानेसर ने यह भी कहा कि वह खुद भी इस यात्रा में शामिल होगा। इसके बाद मोनू मानेसर को भी सोशल मीडिया के जरिए नूंह आने पर देख लेने की धमकी दी गई। हालांकि हिंसा के बाद मोनू मानेसर ने सफाई दी कि उसके वीडियो में कुछ भी ऐसा नहीं था, जिसमें हिंसा के लिए भड़काया गया हो। हरियाणा की एडीजीपी ममता सिंह ने भी नूंह हिंसा में मोनू मानेसर के बयान को लेकर कहा था कि उसमें कुछ भी ऐसा नहीं दिख रहा है, जिसे हिंसा के लिए उकसाने का जिम्मेदार माना जा सके।

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