72 किमी अल्ट्रा खारदुंग-ला चैलेंज में बहादुरगढ रर्नस ग्रुप के धावको ने किया बेहतर प्रदर्शन

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72 किमी अल्ट्रा खारदुंग-ला चैलेंज में बहादुरगढ रर्नस ग्रुप के धावको ने किया बेहतर प्रदर्शन

-विश्वभर के धावकों ने लिया भाग -प्रवीन सांगवान ने 72 किलोमीटर, नरेंद्र जांगडा और गुलाब ने 42 किलोमीटर व नारी शक्ति प्रिती ने 21 किलोमीटर दौड सफलतापूर्वक पूरी कर फहराया बीआरजी का परचम

लद्दाख/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- दुनिया की सबसे कठिन दौड़ों में से एक लद्दाख मैराथन का केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 6 सितंबर से 8 सितंबर तक तीन दिन लद्दाख मैराथन के 12वें संस्करण का आयोजन किया गया। इसमें सबसे चुनौतीपूर्ण सिल्क रुट अल्ट्रा चैलेंज (122 किलोमीटर), शुक्रवार 6 सितम्बर को अल्ट्रा खारदुंग-ला चैलेंज (72 किलोमीटर), रविवार को 8 सितंबर को 42 किलोमीटर मैराथन, 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन की दौड़ कराई गई।

लद्दाख मैराथन में आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, बेल्जियम, आस्ट्रिया, कनाडा, चेक रिपब्लिक, फ्रांस, ग्रीस, जार्डन, मलेशिया, पुर्तगाल, स्पेन, साउथ कोरिया, युनाइटेड किंगडम, युनाइटेड स्टेटस व वियतनाम के साथ-साथ दुनिया भर से विभिन्न देशो के धावक पहुंचे। विभिन्न देशों के धावकों के साथ इस दौड़ में बहादुरगढ रर्नस ग्रुप से इस साल 6 धावको ने भाग लिया। लद्दाख मैराथन दुनिया की सबसे कठिन दौड़ों में एक है। हाई एल्टीट्यूड पर होने वाली इस दौड़ में सांस लेना भी दूभर होता है। कड़ाके की ठण्ड होती है। रास्ते पथरीले होते हैं और बीच-बीच में नदियां भी होती हैं। ऐसी विषम परिस्थितियों में कई धावक इस दौड़ को पूरा भी नहीं कर पाते। इस साल शुक्रवार को शुरू हुए 72 किलोमीटर की खरदुंग ला चैलेंज दौड़ में रिकार्ड 234 धावक हिस्सा लिया। दौड़ की मुख्य चुनौती सामान्य से 50 प्रतिशत कम आक्सीजन वाला माहौल था।

  बहादुरगढ रर्नस ग्रुप से जाने माने अल्ट्रारनर्स प्रवीन कुमार सांगवान ने ऐसी कठिन दौड़ में ना केवल हिस्सा लिया बल्कि 72 किलोमीटर की दौड़ 9 घंटे 51 मिनट में पूरी कर 23 वां स्थान हासिल किया। बीआरजी ग्रुप को बड़ी खुशी है कि उन्होंने यह दौड़  सफलतापूर्वक पूरी की। हाल ही में इन्होने 24 घंटे की स्टेडियम रन में 184 किलोमीटर दौड भी की थी।
           दीपक छिल्लर ने बताया कि यह बेहद चुनौती भरी दौड़ होती है। मैराथन के इतने दुर्गम मार्ग से होते हुए यह रनर्स को एक नया अनुभव देती है। इसमें खरदुंगला, दुनिया की सबसे ऊंची सड़क है जहां ऑक्सीजन की मात्रा महज 49 प्रतिशत है, जो कि बहुत कम है। इससे पहले बीआरजी ग्रुप से नील ने दो साल पहले खरदुंगला चैलेंज पूरा किया था।
          वही बीते रविवार लद्दाख मैराथन 42 किलोमीटर दौड़ में नरेन्द्र जागडा, गुलाब सिंह और 21 किलोमीटर में प्रिती ने भाग लिया जो कि काफी चुनौतीपूर्ण रहा। नरेन्द्र जांगडा ने 42 किलोमीटर की दौड़ 3ः33 घंटे में कर 8 वां स्थान हासिल किया। वहीं गुलाब ने 3ः49 घंटे में दौड़ पूरी कर 13 वां स्थान हासिल किया। इसके साथ ही नारी शक्ति प्रिती ने 21 किलोमीटर दौड सफलतापूर्वक पूरी की। सभी धावकों को ग्रुप ने ढेर सारी शुभकामनाए दी और आगे भी बेहतर प्रदर्शन कर बहादुरगढ शहर का नाम रोशन करने की कामना की।

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