500 साल बाद सूर्यवंशी भगवान राम का सूर्य तिलक, देश की स्मृद्धि के संकेत

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December 24, 2024

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500 साल बाद सूर्यवंशी भगवान राम का सूर्य तिलक, देश की स्मृद्धि के संकेत

-प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का पहला सूर्यतिलक, भगवान राम के अद्भुत रूप के दर्शन कर भावविभोर हुए भक्त

अयोध्या/शिव कुमार यादव/- 500 साल बाद अयोध्या में रामनवमी पर दोपहर ठीक 12 बजे रामलला का सूर्य तिलक हुआ। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का यह पहला सूर्य तिलक है। दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में रामलला का सूर्य तिलक किया गया और मस्तक पर 5 मिनट तक नीली किरणों ने भगवान राम का सूर्य अभिषेक किया। इस अद्भुत नजारे को देखकर हजारों-लाखों भक्तजन भावविभोर हो गये। अयोध्या में राम मंदिर बनने और प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी है।

12 बजे से हुआ जन्मोत्सव
जैसे ही रामलला के मस्तक पर सूर्य की पहली किरण पहुंची मंदिर का वातावरण भक्ति भाव में डूब गया। सूर्य तिलक के साथ ही रामलला का जन्म हो गया और दोपहर 12 बजे से राम का जन्मोत्सव मनाने का समारोह शुरू हो गया। विधि-विधान के साथ भगवान राम की पूजा की गई और मंगल गीत और भजन गाया गया। केदार, गजकेसरी, पारिजात, अमला, शुभ, वाशि, सरल, काहल और रवियोग बने। आचार्य राकेश तिवारी ने बताया कि वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि रामजन्म के समय सूर्य और शुक्र अपनी उच्च राशि में थे। चंद्रमा खुद की राशि में मौजूद थे। इस साल भी ऐसा ही हो रहा है। आचार्य राकेश के अनुसार, ये शुभ योग अयोध्या सहित पूरे भारत की तरक्की के मार्ग को प्रशस्त करेंगे।

जानें सूर्य अभिषेक का महत्व
अब से कुछ घंटों के बाद रामलला का अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में सूर्य तिलक किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी पर सूर्यदेव अपनी किरणों से रामलला के मस्तक पर तिलक करेंगे। पौराणिक कथा के अनुसार त्रेता युग में भगवान राम का जन्म हुआ था और भगवान राम प्रतिदिन सुबह सूर्यदेव को जल अर्पित करते थे। श्रीराम जन्म से सूर्यवंशी थे और उनके कुल देवता सूर्यदेव हैं। मान्यता है चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोपहर 12ः00 बजे श्रीराम का जन्म हुआ था। उस समय सूर्य अपने पूर्ण प्रभाव में थे। सनातन धर्म के अनुसार उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देने, दर्शन व पूजा करने से बल, तेज व आरोग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही कुंडली में सूर्य की स्थिति भी मजबूत होती है। विशेष दिनों में सूर्यदेव की पूजा दोपहर के समय में ही होती है क्योंकि तब सूर्यदेव अपने पूर्ण प्रभाव में होते हैं।

बता दें कि रामलला का सूर्य अभिषेक दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर हुआ। सूर्य की किरणें रामलला के चेहरे पर पड़ीं। करीब 75 मिमी का टीका राम के चेहरे पर बना। दुनिया भक्ति और विज्ञान के अद्भुत संगम को भक्तिभाव से निहारती रही। यह धर्म और विज्ञान का भी चमत्कारिक मेल रहा। इस सूर्य तिलक के लिए वैज्ञानिकों ने कई महीने से तैयारी की थी। इसके लिए कई ट्रायल किए गए। आज दोपहर में जैसे ही घड़ी में 12 बजकर 01 मिनट हुए सूर्य की किरणें सीधा राम के चेहरे पर पहुंच गईं। 12 बजकर एक मिनट से 12 बजकर 6 मिनट तक सूर्य अभिषेक होता रहा। पूरे पांच मिनट तक यह प्रक्रिया चली।  

पीएम मोदी ने देखी रामलला के सूर्य तिलक की तस्वीरें
प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी जनसभा के बीच में रामलला के सूर्य तिलक को देखा।

रामलला का सूर्याभिषेक खत्म, भजन-कीर्तन जारी
राम नवमी पर आज अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम का सूर्य तिलक किया गया।
अयोध्या में दिखा अलौकिक, अनोखा सूर्यदेव और प्रभु राम का मिलन… भारी संख्या में भक्त इस समय मंदिर में एकत्रित हैं। लगातार मंगलगीत, भजन, कीर्तन और जयघोष हो रहे हैं।
राम नवमी पर भगवान राम को स्वर्ण आभूषण और रत्न जड़ित पीली और गुलाबी पोशाक   पहनाई गई। सुबह से रामलला की पूजा-आराधना का क्रम जारी है।

आज राम रामनवमी पर रामचरितमानस की इन चौपाइयों का करें जाप
कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।

जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।

तब जन पाई बसिष्ठ आयसु ब्याह! साज सँवारि कै!
मांडवी, श्रुतकी, रति, उर्मिला कुँअरि लई हंकारि कै!!

बयरू न कर काहू सन कोई।
रामप्रताप विषमता खोई।।

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। ह््रदय राखि कोसलपुर राजा।।
गुरु गृहँ गए पढ़न रघुराई। अलप काल विद्या सब आई॥

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