नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल 24 जनवरी को अडानी ग्रुप पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिससे शेयर बाजार में भारी गिरावट आई थी। अब एक बार फिर अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने मार्केट रेगुलेटर को निशाना बनाया है और इस बार भी अडानी ग्रुप का नाम इसमें शामिल है। इस नई रिपोर्ट का असर शेयर बाजार पर पड़ने की संभावना है।
रिपोर्ट के अनुसार, हिंडनबर्ग ने इस बार सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति पर आरोप लगाया है कि उनकी अडानी ग्रुप से जुड़े ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। इस रिपोर्ट के बाद सोमवार को अडानी ग्रुप के शेयरों पर फोकस रहने की उम्मीद है, और बाजार में गिरावट का माहौल बन सकता है।
जनवरी 2023 में आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी के शेयरों में 150 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी। 10 अगस्त को जारी नई रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि सेबी ने अडानी पर कार्रवाई करने में देरी की है। हालांकि, सेबी प्रमुख बुच और अडानी ग्रुप दोनों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है, लेकिन बाजार इस बात पर नजर रखेगा कि अडानी के शेयर इस नई रिपोर्ट पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।
हिंडनबर्ग ने कहा है कि अडानी घोटाले में इस्तेमाल की गई ऑफशोर संस्थाओं में सेबी चेयरपर्सन और उनके पति की हिस्सेदारी थी। इन संस्थाओं का संचालन कथित तौर पर अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी द्वारा किया जाता था। इस नए आरोप से शेयर बाजार में अस्थिरता और बढ़ने की संभावना है।
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