
देहरादून/उत्तराखण्ड/अनीषा चौहान/- उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर लंबे समय से जारी असमंजस की स्थिति अब स्पष्ट हो गई है। हाईकोर्ट द्वारा पंचायत चुनाव पर लगाई गई रोक को हटा दिया गया है। इससे राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है और अब चुनाव की प्रक्रिया दोबारा शुरू की जा सकेगी।
आज हुई अहम सुनवाई में राज्य सरकार और याचिकाकर्ता पक्ष के अधिवक्ताओं ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव पर लगी रोक हटाने का निर्णय सुनाया। साथ ही कोर्ट ने सरकार को अपना विस्तृत पक्ष रखने के लिए तीन हफ्तों का समय भी दिया है।
पंचायती राज सचिव चंद्रेश यादव ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि अब चुनाव की तैयारियां तेज़ कर दी जाएंगी और नया चुनाव कार्यक्रम जल्द जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नामांकन की अंतिम तिथि को तीन दिन आगे बढ़ा दिया गया है, जिससे अब पूरा चुनाव कार्यक्रम भी तीन दिन आगे सरक गया है।
इस निर्णय से राज्यभर के लाखों मतदाता और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े उम्मीदवारों को राहत मिली है। अब पंचायत चुनावों की प्रक्रिया दोबारा पटरी पर लौट सकेगी और लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव संपन्न हो सकेंगे।
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