नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/पंजाब/शिव कुमार यादव/- मोदी सरकार की नीतियों के मुखर आलोचक रहे भाजपा नेता वरूण गांधी आज अपनी आलोचक नीति के चलते भाजपा में उपेक्षा झेल रहे हैं। लेकिन इसी बीच अपनी भारत जोड़ो यात्रा में वरूण गांधी को लेकर राहुल गांधी के बयान ने सभी को अचंभित कर दिया है। राहुल गांधी ने अपने चचेरे भाई और भाजपा सांसद वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वरुण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा में विश्वास करते हैं। मंगलवार को मीडिया से बातचीत में यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब मोदी सरकार की लगातार आलोचना करने वाले पीलीभीत के सांसद वरुण अपने लिए विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के पंजाब चरण के दौरान कहा, ‘वह भाजपा से हैं और अगर वह यहां चलेंगे तो उन्हें दिक्कत हो जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘मेरी विचारधारा उनसे मेल नहीं खाती है, मैं आरएसएस के ऑफिस कभी नहीं जा सकता। आपको मेरा सिर काटना होगा, मैं नहीं जा सकता क्योंकि मेरे परिवार की एक अलग विचारधारा है। वरुण ने एक समय में, शायद आज भी उस विचारधारा को अपनाया हुआ है, जिसे मैं स्वीकार नहीं कर सकता। मैं उनसे प्यार से मिल सकता हूं, उन्हें गले लगा सकता हूं लेकिन उस विचारधारा को स्वीकार नहीं कर सकता। यह नामुमकिन है. परिवार अलग है।
यह टिप्पणी वरुण की उस दुविधा को और बढ़ाती नजर आ रही है, जिसका सामना दरकिनार किए जा रहे भाजपा नेता मौजूदा समय में कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों से पीलीभीत से तीन बार के सांसद को भाजपा सरकार की नीतियों से असंतुष्ट नेता के रूप में देखा गया है। पीलीभीत वह निर्वाचन क्षेत्र है जिसका प्रतिनिधित्व उनकी मां और पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुकी भाजपा नेता मेनका गांधी पहले से करती आई हैं।
कभी भाजपा की शक्तिशाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी का हिस्सा रहे वरुण गांधी कई मुद्दों पर मोदी सरकार के आलोचक रहे हैं। विवादास्पद अग्निपथ अल्पकालिक सेना भर्ती नीति और अब निरस्त कृषि कानून जैसे मुद्दों पर वह सरकार के खिलाफ बोलते रहे हैं। उनकी इन्हीं आलोचनाओं के चलते 2021 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति से वरुण को हटा दिया गया थां।
भाजपा सरकार की उनकी आलोचना के अलावा यह उनके कजिन्स, खासकर राहुल की बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी- के साथ उनकी कथित निकटता है, जिसने उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों को हवा दी।.यह सब देखते हुए चचेरे भाई के बारे में राहुल गांधी का बयान काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। दरअसल उनके इस बयान ने पीलीभीत के सांसद के लिए विकल्पों को प्रभावी रूप से सीमित कर दिया है।
वरुण ने दूसरी विचारधारा अपनाई और मैं उस विचारधारा को स्वीकार नहीं कर सकता। होशियारपुर में पत्रकार वार्ता में राहुल गांधी ने एक बार फिर भगवंत मान सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंजाब को पंजाबी कल्चर के अनुसार ही चलाना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी यात्रा नफरत, हिंसा और बेरोजगारी के खिलाफ हे। 2024 में राम मंदिर खोलने और चुनाव के सवाल पर राहुल ने कहा कि हम नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलते जाएंगे। राहुल ने कहा कि देश के संस्थानों पर भाजपा और आरएसएस का कब्जा हो गया है।
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