यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों को रोकने में नाकाम

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December 30, 2025

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यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों को रोकने में नाकाम

यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों को रोकने में नाकाम, यीडा की तहरीर पर जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ एफआईआर दर्ज, -अधिकारी हुआ फरार, गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने गुरुग्राम में दी दबिश

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/ग्रेटर नोयडा/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- ग्रेटर नोएडा में यमुना प्राधिकरण की तहरीर पर पुलिस ने जेपी इंफ्राटेक, उसके इनसॉल्वेंसी रिसोल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) व यमुना एक्सप्रेसवे के संचालन व रखरखाव के लिए बनी समिति (आईएमसी) के खिलाफ बीटा-2 कोतवाली में मामला दर्ज कर लिया है। लेकिन बताया जा रहा है कि मामला दर्ज होने की जानकारी मिलते ही आरोपी फरार हो गये हैं। पुलिस आरोपियों को पकड़ने के लिए गुरूग्राम कार्यालय में दबिश दे रही है।
                 बुधवार देर रात यीडा सीईओ के आदेश पर वरिष्ठ प्रबंधक विशेष त्यागी की तहरीर पर यह एफआईआर दर्ज की गई है। डीसीपी ग्रेटर नोएडा राजेश कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धारा-283, 431 व 7 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले में आईआरपी अनुज जैन की गिरफ्तारी के लिए गुरुग्राम स्थित दफ्तर में दबिश दी गई थी, लेकिन वह फरार हो गया है। पुलिस तलाश कर रही है।
                 यहां बता दें कि यमुना एक्सप्रेसवे पर मथुरा जिले में मंगलवार को हुए हादसे में कार सवार सात लोगों की मौत हो गई थी। यमुना प्राधिकरण का मानना है कि अगर इस जगह सेंट्रल वर्ज पर क्रैश बैरियर लगे होते तो यह हादसा टल सकता था। मामले में सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के निर्देश पर यमुना प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक व यमुना एक्सप्रेसवे के नोडल अफसर विशेष कुमार त्यागी की तरफ से बुधवार को बीटा टू कोतवाली में तहरीर दी।
                 यमुना प्राधिकरण का कहना है कि यमुना एक्सप्रेसवे पर हो रहे हादसों को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेफ्टी ऑडिट कराई गई थी। जिसमें कई सुझाव दिए गए थे। अहम है कि दिवालिया होने पर जेपी इंफ्राटेक का बोर्ड भंग हो गया। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल ने कंपनी में आईआरपी अनुज जैन को नियुक्त किया। सुरक्षा उपायों को पूरा कराने के लिए आईआरपी से कई बार बात की गई। हर बार आश्वासन दिया गया।
                  थाना बीटा-2 में दी गई तहरीर में प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक व यमुना एक्सप्रेसवे के नोडल अधिकारी वीके त्यागी ने कहा है कि एक्सप्रेसवे का संचालन करने वाली कंपनी के एनसीएलटी में जाने से जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड का बोर्ड भंग हो गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए अनुज जैन को आईआरपी नियुक्त कर दिया। साथ ही प्रबंधन समिति गठित कर दी थी। अब कामकाज यही देख रहे हैं।
                   करीब ढाई साल पहले प्राधिकरण ने यमुना एक्सप्रेसवे का सुरक्षा ऑडिट कराया था। जिसमें आईआईटी दिल्ली ने कई सुरक्षा उपायों को अपनाने की सलाह दी थी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने भी इन उपायों को अपनाने के लिए कहा था। यमुना प्राधिकरण ने इसके लिए कई बार बैठक की और निर्देश दिए। बीते 4 जनवरी को भी बैठक हुई, लेकिन इन सुझावों पर अमल नहीं किया गया। प्राधिकरण के पूछने पर हर बार लापरवाही बरतते हुए कोई न कोई बहाना बनाकर टालमटोल कर दिया गया। अगर एक्सप्रेसवे से मिल रहे टोल के पैसे ही सुरक्षा उपायों में लगाया जाता तो भी इस तरह के हादसों को रोका जा सकता था। तहरीर में बताया गया है कि मंगलवार रात मथुरा जिले में जो हादसा हुआ है, अगर डिवाइडर में क्रैश बैरियर लगे होते तो गाड़ी दूसरी लेन में नहीं जाती। ऐसे में हादसा रुक सकता था। यह यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।
                   यमुना एक्सप्रेसवे की सेफ्टी ऑडिट करने के बाद आईआईटी दिल्ली ने एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ एंट्री व एग्जिट प्वाइंट पर रंबल स्ट्रिप लगाने और एक्सप्रेसवे पर दिशा सूचक बोर्ड की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया था। साथ ही सेंट्रल वर्ज पर मेटल बैरियर लगाने की सलाह दी गई थी। जिससे वाहन चालक एक तरफ से दूसरी तरफ नहीं जा सकें। इसके अलावा साइड बैरियर की ऊंचाई बढ़ाने, लेन खत्म करने, लचीले क्रैश बैरियर लगाने और चालान सिस्टम को दुरुस्त करने की सलाह दी गई थी। लेकिन जेपी इंफ्राटेक की तरफ से इन सेफ्टी प्वाइंट पर कोई ध्यान नही दिया गया।

यमुना एक्सप्रेसवे पर साल दर साल हादसों के आंकड़े
 वर्ष हादसे   मौतें
2012 275 33
2013 896 148
2014 771 98
2015 919 99
2016 1219 105
2017 763 110
2018 659 111
2019 560 195
2020 509 128
2021 49 15
नोटः- 2021 में केवल जनवरी के आंकड़े।

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