नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- अध्यात्म योग संस्थान द्वारका नई दिल्ली एवं फिट इंडिया क्लब के संयुक्त तत्वाधान मे आयोजित कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “ भगवान श्री कृष्ण का वैदिक योग “ विषय पर संपन्न हुई। यह कार्यक्रम प्रो. ईश्वर भारद्वाज जी पूर्व डीन गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के सानिध्य में संपन्न हुआ। उन्होंने कहा की भगवन श्री कृष्ण दिव्य पुरुष थे, उन के पद चिन्हों पर चल कर हम अपने जीवन को सफल बना सकते है।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अनिल आर्य, राष्ट्रीय अध्यक्ष, केंद्रीय आर्य युवक परिषद नई दिल्ली रहे इन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि भगवान श्री कृष्ण का पूरा जीवन संघर्ष और कर्म करने की शिक्षा देता है। मुख्य वक्ता के रूप में आचार्य सोमदेव जी संचालक, स्वामी आत्मानन्द वैदिक गुरुकुल मलारना सवाई माधोपुर, राजस्थान ने कहा मानव जीवन को संतुलित रखना ही कृष्ण का संदेश है इसलिए हमें हर परिस्थिति में संतुलित और संयमित रहना चाहिए। आज हम श्री कृष्ण के वास्तविक जीवन को भूल गए आज का जीवन महाभारत से मेल नहीं खाता विकृत मानसिकता वाले लोगो ने श्री कृष्ण के सिद्धांतों को गलत ढंग से पेश किया है वास्तव में श्री कृष्ण देशभक्त, नितिज्ञ एवम् महान योगी थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. महेश प्रसाद सिलोडी जी, योग विभाग अध्यक्ष श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली इन्होंने कहा गीता हमें सुख -दुख में एक समान रहना सिखाती है। हमें जातिगत भेदभाव को बुलाकर के एक होकर के जीवन यापन करना चाहिए । भाईचारे की भावना को बढ़ाएं, असत्य का त्याग की भावना को महत्व दिया। विशिष्ट वक्ता के रुप मे डॉ. रमेश कुमार असिस्टेंट प्रोफेसर, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण आप्त पुरुष थे, वे योगेश्वर थे वे एक सफल राजनीतिज्ञ थे उन्होंने पुरे जीवन कल में कोई पाप कर्म नही किया, वे धर्म की स्थापना के लिए आये थे और अधर्म का नास किया।
डॉ देवेश प्रकाश महासचिव, विश्व वेद परिषद दिल्ली ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के पदचिन्हों पर चल कर ही राष्ट्र की रक्षा की जा सकती है । गीता में किसी का विरोध नहीं है सबके हितार्थ की भावना है अतः हमे गीता को पड़ना चाहिए। डॉ. मनोज कुमार शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर एचओडी योग विभाग सेम ग्लोबल यूनिवर्सिटी भोपाल ने गीता के तीन विषयों कर्म ,ज्ञान और भक्ति योग की महत्ता को स्पष्ट किया। अंत में जसबीर योगाचार्य ने सभी का धन्यवाद किया और कर्मों में कुशलता ही जीवन है। साथ के समत्व की भावना को अपनाएं यही श्री कृष्ण जन्माष्टमी का अंतिम संदेश है। शांतिपाठ के द्वारा कार्यक्रम को पूर्ण किया। आयोजक समिति डॉ. रमेश कुमार, आनंद जी, महासचिव श्री अनिल बाल्यान जी एवम् जसबीर योगाचार्य अध्यात्म योग संस्थान हरियाणा के असीम प्रयास से यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।


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