बीजेपी वाशिंग मशीन में दागी भी हो जाते हैं पाक-साफ- विपक्ष

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 7, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

बीजेपी वाशिंग मशीन में दागी भी हो जाते हैं पाक-साफ- विपक्ष

-विपक्ष का भाजपा पर तंज, तथ्यों पर गौर करें तो विपक्ष के आरोप में दम

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- देश की राजनीति में आये दिन कुछ न कुछ नया धमाका हो रहा है। भ्रष्टाचार के नाम पर पूरा विपक्ष ईडी व सीबीआई के सामने असहाय नजर आ रहा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या यह भ्रष्टाचार सिर्फ विपक्ष के नेताओं तक ही सीमित है या फिर सत्ताधारी गठबंधन में सभी नेता पाक-साफ है। लेकिन अगर विपक्ष की माने तो पहले जो लोग विपक्ष में थे तो भाजपा उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही थी लेकिन जब वही लोग भाजपा गठबंधन में शामिल हो गये तो पूरी तरह से पाक साफ हो गये। यानी विपक्ष का कहना है कि भाजपा एक ऐसी वाशिंग मशीन है जिसमें दागी भी पूरी तरह से पाक-साफ हो जाते हैं। विपक्ष ने तो भाजपा वाशिंग मशीन में पाक-साफ हुए ऐसे नेताओं की लिस्ट भी जारी की है जो भाजपा में आने से पहले भ्रष्टाचारी थे लेकिन अब भाजपा में आने के बाद पूरी तरह से पाक-साफ हो गये है

लोकसभा चुनाव 2024 में भी भाजपा ने दूसरी पार्टी से आए कई दागी नेताओं को उम्मीदवार बनाया है। नवीन जिंदल के खिलाफ सीबीआई और ईडी ने चार्जशीट दायर कर रखी है, लेकिन वह मार्च 2024 में भाजपा में आए और कुछ ही दिन बाद पार्टी का टिकट भी पा गए। ऐसा ही एक उदाहरण गीता कोड़ा का भी है जो कांग्रेस से भाजपा में आते ही उम्मीदवार बना दी गईं। उनके पति मधु कोड़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई केस लंबित हैं।

भाजपा या एनडीए में आने के बाद जिस तरह दागी नेताओं पर कार्रवाई में सुस्ती दिखाई गई, उसके ठीक उलट विपक्षी नेताओं के मामले में बिजली सी रफ्तार से कार्रवाई की गई। ताजा उदाहरण दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का है। ईडी ने 19 मार्च, 2024 को पहली बार आरोप लगाया कि केजरीवाल दिल्ली शराब नीति केस में साजिशकर्ता हैं और 21 मार्च, 2024 को उन्हें अपनी गिरफ्त में ले लिया। उधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा हैं, जिनसे 2014 में भ्रष्टाचार के एक केस में पूछताछ की गई थी। वह 2015 में भाजपा में आए और तब से उन पर कोई एक्शन ही नहीं हुआ।

25 में से 23 दागी नेताओं को बीजेपी खेमे में आने पर मिली राहत
ऐसे कई और मामले भी हैं। इंडियन एक्सप्रेस में दीप्तिमान तिवारी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2014 (जब पहली बार नरेंद्र मोदी की सरकार बनी) तब से विपक्ष के जिन 25 नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे, उनमें से 23 को भाजपा के पाले में आने पर राहत मिल गई। इनमें से 10 पूर्व कांग्रेसी थे, चार-चार एनसीपी व शिवसेना में थे, तीन टीएमसी के थे, दो टीडीपी के और एक-एक सपा व वायएसआरपी में थे।

हिमंत बिस्वा सरमा का मामलाः
कभी जांच के घेरे में रहे पूर्व कांग्रेसी हिमंता बिस्वा सरमा सालों से असम में भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री हैं। वह 2015 में कांग्रेस से भाजपा में आए थे। 2014 और 2015 में सीबीआई और ईडी ने शारदा चिट फंड घोटाले के मुख्य अभियुक्त सुदीप्ता सेन के साथ कथित वित्तीय लेनदेन के लिए सरमा की जांच की थी। सीबीआई ने अगस्त 2014 में उनके घर और कार्यालय पर छापा मारा और नवंबर 2014 में उनसे पूछताछ की थी। सरमा का नाम लुइस बर्जर मामले में आया था जो गोवा में जल परियोजना अनुबंधों के लिए कथित रिश्वत से जुड़ा था, लेकिन इस केस में कोई प्रगति नहीं हुई है। अगस्त 2015 में सरमा भाजपा में शामिल हुए। वर्तमान स्थितिः केस बंद नहीं हुआ है. पर मामला ठंडे बस्ते में है और सरमा मुख्यमंत्री हैं।

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार पर भी ऐसी ही मेहरबानी
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा अजीत पवार, शरद पवार और अन्य के खिलाफ एफआईआर की गई। मामला महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का था। यह एफआईआर बॉम्बे हाई कोर्ट के अगस्त 2019 के आदेश के आधार पर हुई थी। ईडी की जांच में कांग्रेस नेता जयंत पाटिल, दिलीपराव देशमुख और दिवंगत मदन पाटिल, राकांपा के ईश्वरलाल जैन और शिवाजी राव नलावडे, और शिवसेना के आनंदराव अडसुल का भी नाम शामिल था।

अजीत पवार केस की टाइमलाइन
-अगस्त 2019ः मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने प्राथमिकी दर्ज की
-सितंबर 2019ः ईडी ने प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की
-अक्टूबर 2020ः आर्थिक अपराध शाखा ने मामला बंद करने की (क्लोजर) रिपोर्ट दाखिल की, ईडी ने इसे चुनौती दी
-अप्रैल 2022ः ईडी ने पवार का नाम लिए बिना चार्जशीट दाखिल की
-जून 2022ः शिवसेना में टूट, शिंदे गुट ने भाजपा के साथ एनडीए सरकार बनाई
-अक्टूबर 2022ः मुंबई ईओडब्ल्यू ने ईडी के सबूतों के आधार पर आगे जांच की मांग की -जुलाई 2023ः पवार एनडीए सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल हुए
-जनवरी 2024ः ईओडब्ल्यू ने दूसरी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की

वर्तमान स्थितिः ईडी ने ईओडब्ल्यू की क्लोजर रिपोर्ट पर अदालत में हस्तक्षेप याचिका दायर की है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox