नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक अगले महीने नई दिल्ली में होने वाली है। इसमें पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भी पहुंच रहे हैं। इस बैठक में भारतीय विदेश मंत्री से उनका सामना भी होगा जिसे लेकर पनामा के दौरे पर गए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को दो टूक समझाते हुए कहा कि रिश्ते सुधारने के लिए पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद को रोकना होगा।
आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान भारत से रिश्ता सुधारने के लिए बेकरार है। यही वजह है कि बिलावल एससीओ की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। उनके चाचा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तो पहले ही कह चुके हैं कि पाकिस्तान को सबक मिल चुका है। बिलावल भुट्टो को इस दौरे से बड़ी उम्मीदें लेकर आने वाले हैं लेकिन उसके पहले ही जयशंकर ने भारत का संदेश पहुंचा दिया है कि आतंकवाद और बात दोनों साथ नहीं चल सकते।
आतंकवाद फैलाने वाले के साथ जुड़ना मुश्किल
पनामा में पत्रकारों से बात करते हुए जयशंकर ने कहा, “हमारे लिए एक ऐसे पड़ोसी के साथ जुड़ना बहुत मुश्किल है जो हमारे खिलाफ सीमा पार से आतंकवाद फैलाता है। हमने हमेशा कहा है कि उन्हें सीमा पार आतंकवाद को प्रोत्साहित करने, प्रायोजित करने और उसे अंजाम न देने की प्रतिबद्धता को पूरा करना होगा। हम उम्मीद करते हैं कि एक दिन हम उस मुकाम पर पहुंचेंगे।“
पिछले हफ्ते ही सेना के ट्रक पर हमला
जयशंकर की इस टिप्पणी को पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हुए बर्बर आतंकी हमले के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पुंछ में सेना के ट्रक पर हुए हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे। पुंछ हमले में सामने आया था कि इसके लिए पाकिस्तान से चलने वाले लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था। साथ ही ये हमला पाकिस्तान की उस घोषणा के कुछ घंटों बाद ही हुआ था, जिसमें उसने बताया था कि बिलावल भुट्टो मई में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
पाकिस्तान खत्म करे आतंकवाद
जयशंकर ने बार-बार पाकिस्तान पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने और विभिन्न आतंकी संगठनों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने का आरोप लगाया है। भारत ने हमेशा अपनी ’पड़ोसी पहले नीति’ को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा की है। भारत ने साफ कर दिया है कि दोनों देशों के बीच विवादों को सुलझाने के लिए आतंकवाद और हिंसा से मुक्त माहौल होना जरूरी है और ऐसा माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है।
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