बिंदापुर बस टर्मिनलः सवारी के लिए नही, सिर्फ चार्जिंग के लिए आते है वाहन

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 30, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

बिंदापुर बस टर्मिनलः सवारी के लिए नही, सिर्फ चार्जिंग के लिए आते है वाहन

-एक दशक बाद भी शुरू नही हुइ बसों की आवाजाही, स्थानीय लोग हो रहे परेशान

द्वारका/शिव कुमार यादव/- वर्ष 2014 में बनकर तैयार बिंदापुर बस टर्मिनल से बसों की आवाजाही अब तक शुरू नहीं हो सकी है। टर्मिनल परिसर में कुछ वाहनों की आवाजाही तो है, लेकिन वे सवारी लेने नहीं, बल्कि चार्जिंग के लिए आते हैं। यहां एक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया गया है। इस टर्मिनल की स्थानीय लोगों के लिए कोई खास उपयोगिता नहीं है। यदि उन्हें आसपास या दूरदराज जाना होता है, तो उन्हें नजदीकी बस टर्मिनल या मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने के लिए ई-रिक्शा का सहारा लेना पड़ता है। ई-रिक्शा वाले भी यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए मनमाना किराया वसूलते हैं।

बता दें कि वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के तत्कालीन परिवहन मंत्री रमाकांत गोस्वामी ने इस टर्मिनल का शिलान्यास किया था। उन्होंने उस समय यह दावा किया था कि इस टर्मिनल के बनने से क्षेत्र की परिवहन संबंधी समस्याओं का समाधान होगा। उनके इस वादे से बिंदापुर और आसपास की कालोनियों के निवासियों में एक उम्मीद जगी थी।

पाँच लाख लोगों को हो सकता था लाभ
करीब दो एकड़ भूमि पर बने इस टर्मिनल के संचालन से पालम, जनकपुरी और उत्तम नगर विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न कालोनियों में रहने वाली करीब पांच लाख की आबादी को लाभ मिल सकता था। इसमें बिंदापुर, वाणी विहार, बिंदापुर गांव, भगवती विहार, राजापुरी, प्रताप गार्डन, उत्तम विहार, मधु विहार, महावीर एन्क्लेव पार्ट 3 आदि कालोनियां शामिल हैं। लेकिन फिलहाल बस पकड़ने के लिए स्थानीय लोगों को ई-रिक्शा से उत्तम नगर टर्मिनल जाना पड़ता है, जो समय और पैसे की बर्बादी है। अधिकारियों ने दावा किया था कि यहां से सात बस रूट शुरू किए जाएंगे, जिनमें गुरुग्राम, आइएसबीटी आदि रूट शामिल थे, लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हो सका है।

अभी तक नही हुआ समस्याओं का समाधान
बिंदापुर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि द्वारका की ओर से डीडीए पाकेट तक पहुंचने वाली सड़क की चौड़ाई 80 फीट रखी जानी थी। अगर ऐसा होता तो इस टर्मिनल से बसों की आवाजाही में कोई समस्या नहीं होती, लेकिन दुर्भाग्य से सड़क की चौड़ाई सिर्फ 40 फीट रह गई। इसके कारण बसों की आवाजाही संभव नहीं हो पाई। डीटीसी ने कभी इस मुद्दे को सुलझाने में रुचि नहीं दिखाई। टर्मिनल तो बना दिया, लेकिन निर्माण से पहले जो अध्ययन किया जाना चाहिए था, वह नहीं किया गया। यह लापरवाही का परिणाम है, जिसका खामियाजा स्थानीय लोग भुगत रहे हैं। बीच में मोहल्ला बसों का एक समाधान सामने आया था, लेकिन वह भी टर्मिनल के लिए नहीं था। डीटीसी अगर चाहती, तो यहां छोटी बसों का संचालन शुरू कर सकती थी, लेकिन इसके लिए इच्छाशक्ति की जरूरत है। इस तरह के मुद्दों में डीडीए और डीटीसी दोनों की लापरवाही के कारण स्थानीय लोग समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox