
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- हालांकि देश में लगातार दूध के भाव बढ़ रहे है फिर भी केंद्र सरकार ने बटर (मक्खन) और डेयरी प्रोडक्ट्स के आयात को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा है कि भारत में दूध की कमी नही है जिसे देखते हुए अब बटर जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स का इम्पोर्ट नहीं किया जाएगा। बल्कि सरकार अब देश के डोमेस्टिक सेक्टर्स की इसमें मदद लेगी।
पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि डेयरी प्रोडक्ट्स की सप्लाई बढ़ाने के लिए अब सरकार डोमेस्टिक सेक्टर्स की मदद लेगी। रुपाला ने कहा, ’डेयरी प्रोडक्ट्स की कमी वाली खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। अब बटर जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स का इम्पोर्ट नहीं किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि देश में दूध की कमी नहीं है और सरकार इस ओर नजर बनाए हुए है। हालांकि देश में लगातार दूध की कीमतों के भाव बढ़ रहे हैं।

पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा, ’डेयरी प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ गई है। हमारे यहां डोमेस्टिक सेक्टर बहुत बड़ा है, जिसका लाभ उठाने का प्रयास किया जाएगा। हम उचित प्रबंध करेंगे, चिंता की कोई बात नहीं है।’ उन्होंने किसानों और उपभोक्ताओं को बेफिक्र रहने को भी कहा है।
डेयरी प्रोडक्ट्स के रिटेल प्राइस में ग्रोथ के बारे क्या कहा?
डेयरी प्रोडक्ट्स के रिटेल प्राइस में ग्रोथ के बारे में उन्होंने कहा कि दामों को लेकर भी चिंता नहीं की जानी चाहिए। इस समय किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं। बीते सप्ताह केंद्र सरकार के एक बड़े अधिकारी ने बयान दिया था कि घरेलू बाजार में मक्खन के बढ़ते दाम को थामने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
उन्होंने संकेत दिया था कि यदि जरूरत महसूस होगी तो मक्खन और कुछ अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स का इम्पोर्ट किया जाएगा। हालांकि, इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था। उसके बाद कहा गया था कि अभी मक्खन आदि के इम्पोर्ट पर कोई फैसला नहीं हुआ है।

पवार ने डेयरी प्रोडक्ट्स के इम्पोर्ट को लेकर सरकार को चेताया
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने डेयरी प्रोडक्ट्स के इम्पोर्ट को लेकर सरकार को चेताया था। उन्होंने मक्खन और घी जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स के इम्पोर्ट की किसी भी सरकारी योजना का विरोध करते हुए कहा था कि यह डेयरी सेक्टर के रिस्टोरेशन को बाधित करेगा।
शरद पवार ने इस बारे में पुरुषोत्तम रूपाला को एक लेटर भी लिखा था। पवार ने कहा था कि डेयरी प्रोडक्ट्स के इम्पोर्ट के संबंध में केंद्र सरकार का कोई भी फैसला पूरी तरह से अस्वीकार्य होगा। क्योंकि इन प्रोडक्ट्स के इम्पोर्ट से डोमेस्टिक मिल्क प्रोडक्ट्स की इनकम पर सीधा असर पड़ेगा।
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