• DENTOTO
  • ’पोल्लाची कांड’ : फेसबुक पर दोस्ती की आड़ में करते थे गैंगरेप व ब्लैकमेलिंग

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    May 22, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    ’पोल्लाची कांड’ : फेसबुक पर दोस्ती की आड़ में करते थे गैंगरेप व ब्लैकमेलिंग

    -कार में 100 लड़कियों से गैंगरेप और ब्लैकमेलिंग की हैरान करने वाली कहानी -कोयंबटूर के पोल्लाची यौन उत्पीड़न केस में 6 साल बाद 9 आरोपियों को मरते दम तक उम्रकैद की सजा -मुख्यमंत्री स्टालिन व अन्नाद्रमुक प्रमुख पलानीस्वामी ने किया फैसले का स्वागत, -साथ ही न्यायाधीश ने 8 पीड़ितों को 85 लाख रुपए का मुआवजा देने का दिया आदेश

    कोयंबटूर/शिव कुमार यादव/- तमिलनाडु के कोयंबटूर के पोल्लाची यौन उत्पीड़न केस में 6 साल बाद 9 लोगों को मरते दम तक उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही सजा सुनाने वाली न्यायाधीश आर नंदिनी देवी ने 8 पीड़ितों को 85 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस फैसले का मुख्यमंत्री स्टालिन व अन्नाद्रमुक प्रमुख पलानीस्वामी ने स्वागत करते हुए कहा कि पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित किया है।

    सजा पाए अपराधियों में रिश्वंथ उर्फ एन सबरीराजन, के थिरुनावुक्कारासु, एम सतीश, टी वसंतकुमार, आर मणिवन्नन उर्फ मणि, पी बाबू उर्फ ’बाइक’ बाबू, के अरुलानंथम, टी हारोनिमस पॉल और एम अरुणकुमार का नाम शामिल है। सभी आरोपियों की उम्र 30 से 39 के बीच है। उनको कड़ी सुरक्षा के बीच सलेम सेंट्रल जेल से अदालत में लाया गया।

    सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक सुरेंदा मोहन ने बताया कि सभी 9 आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376डी (गैंगरेप) और 376(2)(एन) (एक महिला से बार-बार गैंगरेप) के तहत आरोप लगाए गए थे। अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराते हुए 1 से 5 बार तक उम्रकैद की सजा सुनाई है, जिसमें थिरुनावुक्कारासु को सबसे अधिक सजा मिली है। इसके अलावा न्यायाधीश ने 9 लोगों पर कुल 1.50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोयंबटूर की महिला अदालत की विशेष लोक अभियोजक जिशा के अनुसार, इस संवेदनशील मामले में एक भी गवाह मुकरा नहीं था। पीड़ितों की पहचान गुप्त रखी गई थी। मुकदमे के दौरान आठ पीड़ित महिलाओं ने गवाही दी थी। उन्होंने कहा,  “माननीय न्यायालय ने पोल्लाची केस में फैसला सुनाया, जो पिछले छह वर्षों से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। अदालत ने पाया है कि सभी 9 आरोपी दोषी हैं।“

    किस दोषी को मिली कितनी सजा…

    दोषी नंबर 1ः- सबरीराजन – 4 उम्रकैद 

    दोषी नंबर 2ः- थिरुनावुक्कारासु – 5 उम्रकैद

    दोषी नंबर 3ः- सतीश – 3 उम्रकैद

    दोषी नंबर 4ः- वसंतकुमार – 2 उम्रकैद

    दोषी नंबर 5ः- मणिवन्नन – 5 उम्रकैद

    दोषी नंबर 6ः- बाइक बाबू – 1 उम्रकैद

    दोषी नंबर 7ः- हारोनिमस पॉल – 3 उम्रकैद

    दोषी नंबर 8ः- अरुलानंथम – 1 उम्रकैद

    दोषी नंबर 9ः- अरुण कुमार – 1 उम्रकैद

    साल 2019 के फरवरी में एक 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा ने थाने में दर्ज कराई अपनी शिकायत में इसका खुलासा किया था। उसने पुलिस को बताया कि उसके कुछ परिचित युवक उसे एक कार में बैठाकर घूमने के बहाने बाहर ले गए. उन लोगों ने कार में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। इसका कुकृत्य का वीडियो भी बनाया। उस वीडियो के  जरिए ब्लैकमेल करते हुए आरोपी उसे लगातार अपनी हवस का शिकार बनाते रहे। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

    इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान जो खुलासे हुए, उसने पूरे सूबे को झकझोर दिया, क्योंकि ये इकलौता मामला नहीं था। ऐसी सैकड़ों लड़कियां थीं, जो इस गैंग का शिकार थीं। इस गैंग के लड़के फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए लड़कियों से दोस्ती करते थे। उन्हें मिलने के बहाने किसी सुनसान जगह या गाड़ी में बुलाते थे। वहां उनको अपनी हवस का शिकार बनाते हुए वीडियो बना लेते थे। इन अश्लील वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर उनको ब्लैकमेल किया करते थे।

    100 से ज्यादा लड़कियां बनीं शिकार
    इस दौरान पीड़ितों से पैसे की मांग की जाती थी। पैसे नहीं देने पर लगातार उनका यौन उत्पीड़न किया जाता था। करीब 100 से से ज्यादा लड़कियां उनकी शिकार बनी थीं। वे सामाजिक डर की वजह से इस वारदात का खुलासा नहीं कर पाती थी। इस तरह लगातार यौन उत्पीड़न की शिकार होती रहीं। पीड़ितों में अधिकतर स्कूल और कॉलेज की लड़कियां थीं लेकिन इन्हीं में से एक लड़की ने हिम्मत दिखाकर अपनी आपबीती परिजनों को सुनाई। इसके बाद उनके सहयोग से थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई।

    चेन्नई से करीब 550 किमी दूर तमिलनाडु के पोल्लाची शहर में हुई इस घटना के बाद लोग आक्रोश में आ गए। पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लोगों ने  प्रदर्शन किया। इस मामले की जांच पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी, लेकिन सीआईडी को केस सौंप दिया गया। लेकिन लोग इससे भी संतुष्ट नहीं हुए, तो राज्य सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। सीबीआई ने पूरी तफ्तीश के साथ इस मामले की जांच की और आरोपियों के खिलाफ विस्तृत चार्जशीट फाइल की थी।

    फैसले का स्वागत, लेकिन सियासत जारी
    मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और विपक्ष के नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने फैसले का स्वागत किया है। सीएम स्टालिन ने कहा, “अन्नाद्रमुक पदाधिकारी सहित दुष्ट अपराधियों द्वारा किए गए अत्याचारों के लिए न्याय मिला है। अन्नाद्रमुक के जिन लोगों ने दोषियों को बचाने की कोशिश की थी, उन्हें शर्म आनी चाहिए।“ अन्नाद्रमुक प्रमुख पलानीस्वामी ने दावा किया कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई और तत्कालीन सरकार के सीबीआई जांच के फैसले  ने पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित किया है.’’ 

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox