
नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव और गहरा गया है। इस बीच कर्नाटक के आवास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमीर अहमद खान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे खुद को फिदायीन हमलावर के रूप में पाकिस्तान भेजने की बात करते नज़र आ रहे हैं।
मंत्री जमीर का विवादित लेकिन भावुक बयान
शुक्रवार को बेंगलुरु में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्री जमीर अहमद खान ने कहा,”हम भारतीय हैं, पाकिस्तान से कभी कोई नाता नहीं रहा। वह हमेशा से हमारा दुश्मन रहा है। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह मुझे इजाजत दें, तो मैं पाकिस्तान जाकर जंग लड़ने को तैयार हूं।”उन्होंने आगे कहा:
“मुझे एक आत्मघाती बम दिया जाए, जिसे मैं अपने शरीर से बांधकर पाकिस्तान जाकर हमला करूं। देश की खातिर अगर मोदी और शाह चाहें, तो मैं फिदायीन बनने को भी तैयार हूं। यह मज़ाक नहीं है, बल्कि सच्ची भावना है। उनका यह बयान जहां कई लोगों को भावनात्मक लगा, वहीं कुछ वर्गों ने इसे गैर-जिम्मेदाराना और भड़काऊ बताया है।
पहलगाम हमला: निर्दोषों को बनाया गया निशाना
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने पर्यटकों से भरी एक बस पर हमला कर दिया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस जघन्य हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकियों ने यात्रियों से उनका धर्म पूछा और कलमा पढ़ने को कहा। जो यात्री ऐसा नहीं कर सके, उन्हें मौके पर गोली मार दी गई।
मंत्री की हमले की तीव्र निंदा
मंत्री जमीर अहमद खान ने इस हमले को “अमानवीय और जघन्य” करार देते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ कुछ लोगों पर नहीं, बल्कि पूरे भारत पर है। उन्होंने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और कठोर फैसले लेने की मांग की भारत की सख्त कार्रवाई, पाकिस्तान बौखलाया भारत सरकार ने इस हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई राजनयिक कदम उठाए हैं:
सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया है
इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास की गतिविधियों को सीमित किया गया है
पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी अल्पकालिक वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं
इन कड़े फैसलों के जवाब में पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते निलंबित कर दिए हैं और भारतीय उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है।
पहल से साफ़ है कि जम्मू-कश्मीर में हुई इस क्रूर वारदात ने पूरे देश को झकझोर दिया है। मंत्री जमीर अहमद का बयान एक तरफ जहाँ देशभक्ति की भावना दर्शाता है, वहीं यह एक बड़ी राजनीतिक बहस का कारण भी बन गया है। भारत ने इस हमले को केवल सुरक्षा का मामला नहीं, बल्कि राष्ट्र की अस्मिता का सवाल माना है।
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