पर्यटन: संस्कृति की समझ और शांति के लिए लोगों को जोड़ता है

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
October 16, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

पर्यटन: संस्कृति की समझ और शांति के लिए लोगों को जोड़ता है

-आरजेएस पीबीएच का 265वां कार्यक्रम विश्व पर्यटन दिवस पर आयोजित हुआ

नई दिल्ली/उदय मन्ना/-  राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) और आरजेएस पॉजिटिव मीडिया के संस्थापक और राष्ट्रीय संयोजक उदय मन्ना ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर 265वां वेबिनार आयोजित किया। इस वेबिनार का मुख्य विषय “पर्यटन और शांति” था, जिसे राम रति देवी मंदिर कृषक प्रयोगशाला और कृषक पर्यटन स्थल, कांधरपुर, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश के सहयोग से आयोजित किया गया। इस वेबिनार में भारत के पर्यटन उद्योग, आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन, ग्रामीण और कृषि पर्यटन के महत्व पर गहन चर्चा की गई।

उदय मन्ना ने बताया कि आगामी विश्व हृदय दिवस के अवसर पर संस्कार भारती हॉल, नई दिल्ली में आरजेएस पीबीएच ‘पाॅजिटिव मीडिया: दिल से दिल तक’ नामक पब्लिक एड्रेस सिस्टम लागू करेगा, जहां पं. दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी जाएगी और न्यूज़ लेटर का लोकार्पण भी किया जाएगा।

मुख्य अतिथि और वक्ताओं के विचार:
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में स्टिक ट्रैवल ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. सुभाष गोयल ने भाग लिया। उन्होंने भारत में आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाओं पर जोर दिया और कहा कि भारत एक अद्वितीय आध्यात्मिक गंतव्य के रूप में पूरी दुनिया में जाना जा सकता है। उन्होंने ग्रामीण पर्यटन, कृषि पर्यटन और हरित पर्यटन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। डॉ. सुभाष गोयल ने आदिवासी संस्कृति और विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

चैंबर ऑफ सर्विस इंडस्ट्री के महानिदेशक मेजर डॉ. गुलशन शर्मा ने कहा कि पर्यटन उद्योग के हितधारकों को सस्ते और किफायती आवास विकल्प प्रदान करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि छात्रावास शैली के आवास विकल्प विकसित किए जाने चाहिए ताकि अधिक पर्यटक आकर्षित हो सकें। डॉ. शर्मा ने पर्यटन शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया और सरकार से समर्थन की आवश्यकता बताई। उन्होंने भारत में सिनेमाई और फिल्म-प्रेरित पर्यटन को शामिल करने का भी सुझाव दिया।

महिलाओं की भूमिका और शांति के लिए पर्यटन का महत्व:
पर्यटन के माध्यम से शांति को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए वक्ताओं ने कहा कि भारत में महिलाओं की भागीदारी पर्यटन उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। आध्यात्मिक पर्यटन और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

सकारात्मक मीडिया का महत्व और ग्रामीण पर्यटन:
कार्यक्रम की मॉडरेटर और पॉजिटिव मीडिया डेली डायरी न्यूज़ की एंकर खुशबू झा ने सकारात्मक मीडिया के महत्व पर जोर दिया और कहा कि मीडिया के माध्यम से हम पर्यटन और शांति को समर्थन दे सकते हैं। राजेंद्र सिंह कुशवाहा, अतिथि संपादक, आरजेएस पीबीएच न्यूज़ लेटर ने कहा कि राम रति देवी मंदिर कृषक प्रयोगशाला और कृषक पर्यटन स्थल जैसी ग्रामीण पर्यटन स्थलों की स्थापना और विकास करना बेहद महत्वपूर्ण है।

पर्यटन उद्योग की भविष्य की संभावनाएँ:
वेबिनार में भारत के पर्यटन उद्योग की संभावनाओं पर गहन चर्चा की गई, जिसमें हिमालय, समुद्र तट, जंगल और सांस्कृतिक विरासत स्थलों पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने पर्यटन की श्रम-गहन प्रकृति और रोजगार सृजन की क्षमता पर भी जोर दिया। डॉ. गुलशन शर्मा ने पर्यटन स्थलों पर बेहतर बुनियादी ढांचे और हवाई अड्डों के विकास की आवश्यकता पर बल दिया ताकि अधिक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आकर्षित हो सकें।

निष्कर्ष:
कुल मिलाकर, इस वेबिनार में भारत के पर्यटन उद्योग की संभावनाओं, आध्यात्मिक और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने, महिलाओं की भागीदारी और पर्यटन के माध्यम से शांति स्थापित करने के विचारों पर विस्तृत चर्चा की गई। कार्यक्रम में भविष्य में पर्यटन पाठ्यक्रम में एमबीए को शामिल करने और विभिन्न क्षेत्रों में पर्यटन की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया।

कार्यक्रम में सुदीप साहू, डॉ. मुन्नी कुमारी, सुषमा सिंह, कुलदीप राय, इसहाक खान, ब्रजकिशोर, सुशीला रंजन, मयंक, आकांक्षा और सुनीता पाल जैसे प्रतिभागियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

पर्यटन: एक नई दिशा में
यह कार्यक्रम पर्यटन उद्योग को एक नई दिशा देने और इसे भारत की संस्कृति, विरासत और शांति के प्रतीक के रूप में बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox