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    न्याय के लिए पहलवानों ने सबसे मांगा समर्थन

    -बोले-‘क्या हमें कहीं से न्याय नहीं मिलेगा...’ -डब्लयूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ तीसरे दिन भी पहलवानों का धरना जारी -सुप्रीमकोर्ट ने इस मामले में पुलिस से मांगा जवाब

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए तीने महीने बाद एक बार फिर से देश के नामी पहलवान धरने पर बैठे हैं। पिछली बार राजनीतिक पार्टियों को दूर रहने की मांग करने वाले पहलवानों ने इस बार राजनीतिक दलों का सपोर्ट मांगा। वहीं, रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग पर डटे भारतीय पहलवानों ने अब सुप्रीम कोर्ट जाने का मन बना लिया है।

                      जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। वहीं, सोमवार को भी कनॉट प्लेस थाने में उनकी शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। इसके बाद पहलवानों में काफी रोष देखा गया। पहलवान विनेश फोगाट ने कहा, ‘क्या हमें कहीं से भी न्याय नहीं मिलेगा। हम सभी यही चाहते हैं कि पूरे मामले में पुलिस शिकायत दर्ज करके जांच करे। लेकिन अब तक हमारी शिकायत भी दर्ज नहीं हुई है। हम जानते हैं कि सरकार पर दबाव है क्योंकि बृजभूषण बीजेपी के ही सांसद हैं। आखिरकार हम भी तो देश के नागरिक हैं। अगर हमारी नहीं सुनी जाएगी तो हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।’
                    विनेश ने कहा, ‘नाम तो नहीं लूंगी लेकिन इतना जरूर कहूंगी कि पिछली बार हमें अपने ही लोगों ने धोखा दे दिया। हम बहकावे में आ गए। लेकिन, इस बार ऐसा नहीं होगा। विनेश से जब पूछा गया कि पिछली बार बबीता फोगाट ने मध्यस्थता की थी। इस बार उनका क्या समर्थन है? इसके जवाब में बहन विनेश ने कहा कि अब वह खिलाड़ी कम, राजनेता ज्यादा बन गई हैं।

    राजनीतिक पार्टियों से मांगा साथ
    पिछली बार जब पहलवान धरने पर बैठे थे तो उन्होंने राजनीतिक पार्टी या संगठनों को इससे दूर रखा था। कई नेता और संगठन उनकी मदद करने आए थे लेकिन उन्हें स्टेज पर भी नहीं चढ़ने दिया गया था। लेकिन, इस बार पहलवानों ने खुद राजनीतिक दलों, महिला संगठनों और यहां तक कि खाप पंचायतों से उनकी मदद की अपील की है। ओलिंपिक मेडलिस्ट पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा, ‘हम इस बार हर किसी से मदद करने की अपील कर रहे हैं। चाहे वह राजनेता हों, किसान संगठन हों, महिला संगठन हों या फिर खाप पंचायत हो। हमें आप सभी का समर्थन चाहिए।’
                      पहलवान साक्षी मलिक ने भी राजनेताओं से मदद की अपील करते हुए कहा, ‘जब हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर आते हैं तो यही राजनेता लोग एयरपोर्ट से हमें सम्मानपूर्वक लेकर आते हैं। हमारे लिए जुलूस निकालते हैं। आज जब हम मुश्किल में हैं तो भला हम इनसे क्यों नहीं मदद लेंगे। हमारी आप सभी से उम्मीद है कि सच्चाई की इस लड़ाई में हमारा साथ दें।’ सोमवार को पहलवानों के समर्थन में कई नेता पहुंचे भी और आज भी कईयों के पहुंचने की संभावना है।

    लोगों से समर्थन मिलने की उम्मीद
    पहलवानों के इस प्रदर्शन को पिछली बार की तुलना में समर्थन नहीं मिल पा रहा है। धरनास्थल पर भीड़ कम देखी जा रही है। भीड़ कम होने की वजह बताते हुए एक पहलवान ने कहा, ‘अभी हमारे यहां गेहूं की कटाई चल रही है। लोग अभी उसमें व्यवस्त हैं। अगले तीन-चार दिन में वह सभी हमारे समर्थन में यहां आ जाएंगे।’ पिछली बार प्रदर्शन में शामिल रहे कई बड़े पहलवान और कोच भी इस बार अब तक नदारद दिखे हैं। इस बारे में विनेश ने कहा, ‘कई लोग, खासकर खिलाड़ी हैं जो अपना करियर दाव पर लगाना नहीं चाहते हैं। लेकिन, हम विरोध का चेहरा बनने के लिए तैयार हैं।’ सोमवार को धरनास्थल पर आने वाले कुछ समर्थक पहलवानों के लिए लड्डू और जलेबी लेकर आए। लेकिन, बजरंग और विनेश ने इन मिठाइयों को धरनास्थल पर आए लोगों के प्रसाद के तौर पर मिठाई बांट दी। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने पूरे मामले में मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से रिपोर्ट मांगी है।

    सुप्रीम कोर्ट का किया रुख
    तीन महीने के भीतर दूसरी बार ओलिंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और दिग्गज विनेश फोगाट के नेतृत्व में धरने पर बैठे पहलवानों ने कहा कि अभी तक पुलिस ने हमारी शिकायत दर्ज नहीं की है। ऐसे में हमारे पास सुप्रीम कोर्ट के अलावा और कोई चारा नहीं दिख रहा है। साक्षी ने कहा, न्याय पाने के कई रास्ते हैं। हम स्वतंत्र भारत के नागरिक हैं। अगर पुलिस हमारी शिकायत नहीं लिखेगी, तो हम कोर्ट जाएंगे। अगर हमने गलत आरोप लगाए हैं, तो हम पर मामला दर्ज किया जाए। विनेश ने कहा कि बृजभूषण को बीजेपी नेता होने का फायदा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए कमिटी बनाई गई, लेकिन उनका रवैया हमारे साथ हमेशा से पक्षपातपूर्ण रहा है। जिन लड़कियों का यौन शोषण हुआ है, उनमें से 12 लड़कियां जांच कमिटी के सामने प्रस्तुत हो चुकी हैं। उन्हें अब और क्या चाहिए। इस बीच पहलवानों ने खाप नेताओं, महिला संगठनों और राजनेताओं से उनका समर्थन करने की अपील है।

    चुनाव पर लगाई रोक
    खेल मंत्रालय ने सात मई को डब्ल्यूएफआई के होने वाले चुनाव पर रोक लगा दी है। मंत्रालय ने इंडियन ओलिंपिक असोसिएशन (आईओए) से एक तदर्थ समिति बनाने को कहा है। यही समिति अगले 45 दिन के अंदर चुनाव कराएगी। खेल मंत्रालय द्वारा आईओए अध्यक्ष पीटी उषा को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मौजूदा स्थिति को देखते पहले से तय चुनाव की प्रक्रिया को रद्द माना जाए। कार्यसमिति के नए चुनाव किसी तटस्थ संस्था और निर्वाचन अधिकारी के द्वारा कराया जाए।

    पहलवानों के समर्थन में आए नेता
    पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने धरना दे रहे पहलवानों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि ये पहलवान देश की शान हैं। लेकिन इनको अपनी मांग के लिए धरने पर बैठना पड़े, यह शर्मनाक बात है। पहलवानों को न्याय मिलना चाहिए। हुड्डा मंगलवार को पहलवानों से मुलाकात भी करेंगे। हुड्डा ने कहा कि उन्होंने बार-बार कुश्ती संघ पर लगे तमाम आरोपों की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है। वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर पहलवानों के मामले के सवाल से बचते नजर आए। पूर्व गर्वनर सत्यपाल मलिक ने बीजेपी पर तंज कसा है। मलिक ने पूछा कि सरकार किस मुंह से बेटी बचाओ का नारा देती है। देश की बेटियां तो पिछले तीन महीने से न्याय के लिए भटक रही हैं। देश के भविष्य से खिलवाड़ सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि जिस पर आरोप लग रहे हैं वह बीजेपी सांसद हैं। आम आदमी पार्टी, उत्तरी हरियाणा संयोजक चित्रा सरवारा ने खिलाड़ियों का समर्थन किया है।

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