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    July 7, 2025

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    दिल्ली के गांवों को मालिकाना हक दिए बिना विकास संभव नहीं:  पंचायत संघ 

    -पीएनजी गैस आपूर्ति के लिए सरकार का आभार। पंचायत संघ -मालिकाना हक की मांग पर तुरंत कार्रवाई हो: थान सिंह यादव

    नई दिल्ली/अनीशा चौहान/    दिल्ली पंचायत संघ ने राजधानी के सभी गांवों में पीएनजी गैस आपूर्ति शुरू करने के लिए उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार का आभार व्यक्त किया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक गांवों को उनकी जमीन पर मालिकाना हक नहीं मिलेगा, तब तक वास्तविक विकास संभव नहीं है।

    पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव ने कहा, “देशभर में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को संपत्ति के अधिकार दिए जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली के गांव अब भी इस अधिकार से वंचित हैं। यह न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि ग्रामीणों के साथ अन्याय भी है।” विकास में बाधा बन रही है मालिकाना हक की कमी

    उन्होंने कहा कि दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों विशेषकर लाल डोरा और विस्तारित लाल डोरा क्षेत्र की आबादी आज भी अपनी ही जमीन पर मालिकाना हक से वंचित है। इस कारण गांवों का समुचित विकास अवरुद्ध है। वहीं, दूसरी ओर किसानों की अधिग्रहित भूमि पर डीडीए द्वारा मास्टर प्लान के तहत विकसित की गई कॉलोनियों में तमाम सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद उनके रिहायशी मकानों को व्यावसायिक श्रेणी में नोटिफाई भी किया गया है,जबकि ग्रामीणों के रिहायशी मकानों को इससे वंचित रखा गया है।

    थान सिंह यादव ने सरकार की ‘जहां झुग्गी, वहां मकान’ योजना की सराहना करते हुए कहा कि सरकार झुग्गियों को मालिकाना हक देने के लिए तत्पर है, लेकिन सदियों से बसे गांव अब भी उपेक्षित हैं। इससे गांवों में रोष व्याप्त है। “टैक्स लिया जा रहा है, लेकिन हक नहीं दिया जा रहा” उन्होंने कहा कि गांवों, ग्रामीणों पर संपत्ति कर सहित कई तरह के टैक्स लगाए गए हैं, लेकिन बदले में उन्हें अधिकार नहीं दिए जा रहे। “सरकार टैक्स वसूल रही है, लेकिन हक देने पर बात नहीं हो रही है, जो सरासर अन्याय है।”

    पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान गांवों से किए गए वादों को अब पूरा करने का समय आ गया है। चूंकि केंद्र, दिल्ली व दिल्ली नगर निगम में भाजपा सरकार है, इसलिए ग्रामीणों को उम्मीद है कि अब उन्हें उनका अधिकार अवश्य मिलेगा।

    दिल्ली पंचायत संघ की प्रमुख मांगें:

    1. लाल डोरा और विस्तारित लाल डोरा क्षेत्र की आबादी को मालिकाना हक दिया जाए।

    2. गांवों को व्यावसायिक श्रेणी में शामिल किया जाए।

    3. ग्रामीण क्षेत्रों पर थोपे गए टैक्सों की समीक्षा की जाए।

    4. दिल्ली के गांवों को विकास की मुख्यधारा में जोड़ा जाए।

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