नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली ब्यूरो/- सोमवार से दिल्ली व एनसीआर में बच्चों के स्कूल खुलने जा रहे है लेकिन दिवाली के बाद से अचानक दिल्ली एनसीआर का वातावरण बदल गया है। जिसकारण दिल्ली वासियों पर दोहरी मार पड़ रही है। दिल्ली पहले से ही कोरोना की मार झेल रही है और अब प्रदुषण के प्रकोप ने भी लोगों का जीना दूभर कर दिया है। लोगों पर प्रदुषण का असर इस कदर दिख रहा है कि हर व्यक्ति खांसी व जुकाम की चपेट में आ गया है। अस्पतालों में मरीजों की लाईन लगी है। जहां चिकित्सक लोगों को घरों में रहने, मुंह पर मॉस्क लगाने व गरारे करने की सलाह दे रहे है। वहीं दूसरी तरफ लोगों ने सरकार पर बच्चों के स्कूल नही खोलने का भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है जिसे देखतेे दिल्ली सरकार की दुविधा भी बढ़ गई है और सरकार मंथन कर रही हे कि स्कूल खोले या नही। हालांकि सरकार ने माना है कि दिल्ली में प्रदुषण जरूर बढ़ा है लेकिन स्थिति अभी नियंत्रण में है।
दिल्ली में कोरोना के बाद डेंगू से लोग आहत नजर आ रहे थे लेकिन अब प्रदुषण ने भी लोगों को अस्पताल की दहलीज पर पंहुचा दिया है। दिवाली के बाद अचानक दिल्ली एनसीआर का वातावरण एक दम से खतरनाक हो गया है। बच्चा हो या जवान या फिर बुजुर्ग सभी को खांसी-जुकाम ने अपनी चपेट में ले लिया है। लोग दहशत में है कि कहीं यह कोरोना की कोई नई किस्म तो नही लेकिन चिकित्सक मरीजों को धर्य रखने की सलाह दे रहे है तथा दवाईयों के साथ-साथ धर में रहने, मॉस्क लगाने व गरारे करने की भी सलाह दे रहे हैं। दिल्ली में अचानक प्रदुषण का लेवल 500 एक्यूआई को पार गया जिसकारण लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली के साथ-साथ पूरे एनसीआर का भी कमोबेश यही हाल है। हर तरफ लोग खांसते व छिंकते ही नजर आ रहे है। लोगों की सबसे बड़ी चिंता बच्चों को लेकर है कि कहीं यह कोरोना की कोई नई लहर न हो और जिसकी चपेट में बच्चे आ जाये। ऐसी स्थिति में अब तो परिजनों ने दिल्ली में स्कूलों के खोलने को लेकर भी सवाल उठाने शुरू कर दिये है। लोगों का कहना है कि क्या ऐसी स्थिति में बच्चे स्कूलों में सुरक्षित रह पायेंगे। हालांकि सरकार पर भी इस बिगड़े हुए माहौल का दबाव दिखने लगा है और सरकार इस पर मंथन कर रही है।
पिछले तीन दिन से दिल्ली एनसीआर के प्रदुषण स्तर में कोई खास सुधार नही हुआ है। मौसम विभाग की माने तो बारिश या फिर तेज हवा ही इसका एकमात्र समाधान है। हालांकि आकाश में बादल जरूर छाये है लेकिन बारिश की कोई संभावना दिखती नजर नही आ रही है। इस संबंध में खेड़ा डाबर स्थित चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वेदिक चरक संस्थान के उपनिदेशक डा. एन आर सिंह का कहना है कि खांसी-जुकाम से डरने की जरूरत नही है यह कोई कोरोना की लहर नही है बल्कि मौसम के बदलाव का नतीजा है हालांकि उन्होने कहा कि प्रदुषण के कारण भी ऐसा हो सकता है। उन्होने लोगों से कोरोना नियमों का पालने करने के साथ-साथ मॉस्क लगाने व गरारे करने की सलाह दी।
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