
अनीशा चौहान/- 20 जून से टीम इंडिया इंग्लैंड दौरे पर पांच मैचों की तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी खेलने जा रही है। इस बार भारतीय टीम नए कप्तान शुभमन गिल की अगुवाई में मैदान में उतरेगी और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के अपने सफर की शुरुआत करेगी। लेकिन सीरीज शुरू होने से पहले गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल का बयान कुछ चिंताएं लेकर आया है।
मोर्कल ने कहा कि टीम इंडिया को लाल गेंद से अभ्यास करने के सीमित मौके मिले हैं, जो इंग्लैंड की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि भारत ने आखिरी बार जनवरी 2025 में सिडनी टेस्ट के दौरान लाल गेंद से मुकाबला खेला था। ऐसे में सीधे इंग्लैंड की स्विंग और सीम वाली परिस्थितियों में उतरना आसान नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि निरंतरता बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होगी, खासकर तब जब टीम को लाल गेंद के साथ ज्यादा मैच खेलने का अनुभव हालिया समय में नहीं मिला है। मोर्कल ने यह भी स्वीकार किया कि यशस्वी जायसवाल और साई सुदर्शन जैसे युवा खिलाड़ियों का इंग्लैंड में पहला टेस्ट अनुभव उन्हें थोड़ा तनावपूर्ण बना रहा है।
हालांकि, मोर्कल ने बीते तीन दिनों के अभ्यास सत्र को लेकर संतोष जताया। उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर मैं अब तक की तैयारी से बहुत खुश हूं। पिछले तीन दिनों में खिलाड़ियों ने बेहतरीन अभ्यास किया है। जिस ऊर्जा और उत्साह के साथ टीम ने तैयारी की है, वह प्रेरणादायक है।”
उन्होंने आगे कहा कि, “हमारे पास शानदार गेंदबाजी यूनिट है। इंग्लैंड की परिस्थितियां तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल हैं, और ऐसे में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा और अर्शदीप सिंह को इसका भरपूर फायदा मिल सकता है।”
मोर्कल ने टीम के आत्मविश्वास और टीम भावना की तारीफ करते हुए कहा कि यही जज्बा किसी भी टेस्ट सीरीज को जीतने के लिए सबसे अहम होता है। उन्होंने कहा, “अगर हम एकजुट रहें और आत्मविश्वास के साथ उतरें, तो इंग्लैंड में भी जीतना मुमकिन है।”
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