• DENTOTO
  • तुर्किये बहिष्कार के बीच लोग स्वेदशी विकल्पों की ओर कर रहे रूख

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 7, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    तुर्किये बहिष्कार के बीच लोग स्वेदशी विकल्पों की ओर कर रहे रूख

    -कश्मीरी सेब की मांग बढ़ी, बदले हालात में स्वदेशी पर आया प्यार

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान तुर्किये द्वारा पाकिस्तान के समर्थन के बाद दिल्ली के फल बाजारों में तुर्किये सेब का बहिष्कार जोर पकड़ रहा है। व्यापारियों और उपभोक्ताओं ने तुर्किये सेब की खरीद बंद कर दी है, जिससे इन सेबों की आपूर्ति बाजारों में लगभग खत्म हो गई है। दूसरी ओर कश्मीरी अम्बरी सेब की मांग में वृद्धि देखी जा रही है, क्योंकि उपभोक्ता स्वदेशी विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।

    बता दें कि आजादपुर मंडी, ओखला मंडी व दिल्ली की अन्य मंडियों में तुर्किये सेब का व्यापार होता है। वहां से व्यापारियों ने सेब का आयात बंद कर दिया है। इससे तुर्किये सेब की बिक्री में गिरावट देखने को मिली है। इसका सीधा लाभ कश्मीरी व्यापारियों को मिल रहा है, जिसकी मांग करीब 25 से 30 फीसदी तक बढ़ गई है। व्यापारियों ने बताया कि व्यापारियों ने तुर्किये सेब का बहिष्कार कर आयात भी रोक दिया है।

    सेब की कीमत में आया उछाल
    विक्रेता सेब की अनुपस्थिति और कश्मीरी सेब की बढ़ती मांग ने बाजार की कीमतों को प्रभावित किया है। थोक बाजार में सेब के 10 किलो के कार्टन की कीमत में 200-300 रुपये की वृद्धि हुई है, जबकि खुदरा बाजार में सेब 20-30 रुपये प्रति किलो महंगे हो गए हैं। स्थानीय निवासी भावना शर्मा व अनिशा चौहान ने कहा कि उनके पास कश्मीरी सेब जैसे बेहतरीन विकल्प हैं और वो अपने स्वदेशी फलों को खरीदने में प्राथमिकता देती हैं।

    स्वदेशी फलों को प्राथमिकता दे रहे विक्रेता
    आजादपुर मंडी के व्यापारी पवन छाबड़ा ने बताया कि ग्राहक अब कश्मीरी सेब, खासकर अम्बरी किस्म की मांग कर रहे हैं। इसकी आपूर्ति बढ़ाने के लिए जम्मू-कश्मीर के बागवानों से सीधे संपर्क में हैं।

    तुर्किये के खिलाफ ट्रेड स्ट्राइकः
    गाजियाबाद के व्यापारियों में भारी नाराजगी, 1400 करोड़ का हो सकता है नुकसान?
    उन्होंने कहा कि वह उस देश से सेब नहीं खरीदेंगे जो देश के दुश्मन का साथ देता है। विक्रेता सेब के बहिष्कार के बाद बाजार में विक्रेता स्वदेशी फलों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस सेब की कीमत 20 किलो का एक कार्टन 3600 रुपये तक आता है।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox