नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- पिछले कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की हलचल बढ़ गई है। आतंकियों के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों का ऑपरेशन जारी है। इस बीच आतंकियों ने ओल्ड रूट हिल काका से भी घुसपैठ की कोशिश की है। इस रूट पर भी सुरक्षा अलर्ट है। लेकिन ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से आतंकवाद क्यों बढ़ गया है? आतंकवाद के पीछे क्या है पाकिस्तान की योजना? आइए इन सभी सवालों के जवाब हाल की घटनाओं से समझने की कोशिश करते हैं।
पंजाब के रास्ते भी आ रहे हैं आतंकी
वहीं, अब पंजाब के रास्ते आतंकियों के घुसने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि पंजाब के पठानकोट के फाग टोली गांव में 7 संदिग्ध देखे गए हैं। पठानकोट में संदिग्धों की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने एक स्केच जारी किया है। संदिग्धों की तलाश की जा रही है। पठानकोट से पूँछ तक चप्पे-चप्पे पर आतंकियों की तलाश की जा रही है।
क्या है पाकिस्तान की साजिश?
पहले कठुआ, फिर राजौरी और अब कुपवाड़ा में आतंकियों की मौजूदगी से साफ हो गया है कि पाकिस्तान एक बड़ी साजिश के तहत घुसपैठ को अंजाम दे रहा है। वह चुनाव से पहले घाटी का माहौल खराब करने पर तुले हुए हैं। इसलिए वह आतंकियों की घुसपैठ के लिए नए-नए इलाके खोल रहा है।
आतंकियों के घुसपैठ की नई जगह
पाकिस्तान ने एलओसी से सटे इलाके हिल काका को घुसपैठ का नया ठिकाना बनाया है। इसी रास्ते से लश्कर और हिजबुल के प्रशिक्षित आतंकियों को भारत में प्रवेश कराया जा रहा है। 2003 तक यह आतंकियों के लिए स्वर्ग था लेकिन सुरक्षा बलों ने उनके लिए यह रास्ता बंद कर दिया था। अब आतंकी फिर से इन रास्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर को सुलगाने की कोशिश कर रहा है पाकिस्तान
इन आतंकियों को पाकिस्तान में प्रशिक्षित किया गया है। इस बात की पूरी खुफिया जानकारी है कि पाकिस्तान का इरादा जम्मू-कश्मीर में आग लगाने का है। लेकिन इस बार इस साजिश को कुचलने के लिए सुरक्षा बलों के साथ-साथ स्थानीय नागरिक भी साथ खड़े हैं। सुरक्षाबलों ने आतंकियों के ठिकाने का पता लगा लिया है। उन्हें पता है कि इस बार आतंकी क्या चाल चल रहे हैं।
अभी तक कितने आतंकी छिपे होने का है अनुमान?
जम्मू-कश्मीर की गुफाओं में कितने आतंकी हैं, इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं है। सेना का अनुमान है कि गुफाओं में 50 से 55 आतंकी हो सकते हैं। लेकिन इनकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है, 100,150,200 या 250 भी हो सकती है। इस ऑपरेशन में सेना पहले ही अपने 10 जवान खो चुकी है। इसलिए सेना सटीक ऑपरेशन चला रही है। इन आतंकियों की मदद करने वाले कुछ ओवरग्राउंड वर्करों को सेना ने पकड़ लिया है और उनसे पूछताछ में काफी जानकारी मिली है।
चीनी हथियारों से लैस हैं आतंकी
आतंकियों के पास AK47, M4, चाइनीज पिस्टल, चाइनीज स्टील बुलेट, चाइनीज ग्रेनेड, बॉडी कैमरा, मोबाइल फोन और यूबीजीएल हैं। आतंकी चोटियों पर बैठकर पहले सेना की हर हरकत पर नजर रखते हैं और फिर घात लगाकर हमला करते हैं। जब आतंकी सेना पर हमला कर रहे हैं तो वे अपने बॉडी कैम से इसकी रिकॉर्डिंग भी कर रहे हैं। इसके बाद आतंकी स्थानीय लोगों को धमकाते हैं और उनके मोबाइल फोन के जरिए इंटरनेट शेयर करते हैं। और फिर सेना पर हमले के वीडियो भी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को भेज रहे हैं।
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