मानसी शर्मा /- केंद्र सरकार ने देशभर के किसानों को दिवाली बोनस दे दिया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने आगामी 2025-26 सीजन के लिए रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी बढ़ाया गया है। यह निर्णय किसानों की आय में सुधार और रबी सीजन के दौरान महत्वपूर्ण फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। एमएसपी में बदलाव करने का मकसद है किसानों को फसल का उचित मूल्य मिलाना सुनिश्चित करना।
गेहूं पर बढ़ाया गया 150 रुपए
बता दें कि गेहूं पर एमएसपी 150 रुपए बढ़ाया गया है। जिसके बाद गेहूं का रेट 2425 रुपए प्रति क्विटंल हो गया है। जबकि पिछले सीजन में यह 2275 रुपए रुपए था। गेंहू देश के कई हिस्सा में उगाई जाती है। खासकर उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार , मध्यप्रदेश जैसे राज्य। एमएसपी में बढ़ोतरी करने का मकसद किसानों का आय़ बढ़ाना है। ताकि वो अपने उत्पादन को कवर कर सकें और बाजार में उतार-चढाव से कुछ सुरक्षा प्राप्त कर सकें।
सरसों पर भी खोले खजाने
सरसों के लिए एमएसपी में 300 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। जिसके बाद यह 5650 रुपए से बढ़कर 5950 रुपए प्रति क्विटलं हो गया है। सरसों खासकर हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में उगाए जाते हैं। किसनों के लिए यह महत्वपूर्ण फसल है। यह तेल का बहुत बड़ा जरिया है। सरसों के लिए उच्च एमएसपी से किसानों को बेहतर लाभ मिलने की उम्मीद है। यह भारत के लिए खाद्द तेल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
चना पर 210 रुपए की बढ़ोतरी
चना की एमएसपी में 210 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। जिससे नया मूल्य 5,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। बता दें कि चना भारत में एक प्रमुख दाल फसल है और इसका बड़े स्तर पर सेवन किया जाता है। इस वृद्धि के साथ सरकार दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है जो भारतीय आहार में प्रोटीन का महत्वपूर्ण स्रोत हैं.मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में चना उगाने वाले किसानों को इस एमएसपी वृद्धि से लाभ होगा। जो उनकी उत्पादन लागत को कवर करने और बेहतर लाभ दिलाएगा।
क्या है एमएसपी?
एमएसपी का मतलब है न्यूनतम समर्थन मूल्य। यह वह दर है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है। एमएसपी का मकसद किसानों को उनकी फसल पर कम से कम एक निश्चित राशि देना है। साथ ही बाज़ार में कीमतों के उतार-चढ़ाव के बाद सरकार द्वारा निर्धारित रेट पर फसल खरीदनी होगी। सरल शब्दों में कहें तो एमएसपी किसानों को अचानक कीमतों में गिरावट से बचाने वाला एक ढाल है।
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