
मानसी शर्मा /- केंद्र सरकार ने टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल को नोटिस भेजा है। नोटिस भेजते हुए आईटी मंत्रालय ने एप्पल से ‘राज्य प्रायोजित’ हमले के आरोपों को लेकर जवाब मांगा है। आईटी मंत्रालय ने पूछा है कि वो कैसे इस नतीजे पर पहुंच गई कि ये ‘राज्य प्रायोजित’हमला है।इस मामले पर आईटी सचिव एस कृष्णन ने कहा कि भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-IN) मामले की जांच कर रही है और साथ ही ऐपल को नोटिस भेजा गया है।
गौरतलब है कि ऐपल ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा था कि ‘वह खतरे की सूचनाओं के लिए किसी देश की सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराती है।’ कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि, ‘सरकार प्रायोजित हैकर बहुत अच्छी तरह से वित्त पोषित और परिष्कृत होते हैं, और उनके हमले समय के साथ विकसित होते रहे हैं। ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण होते हैं।’
कई सांसदों को आए थे अलर्ट
31अक्टूबर को विपक्ष के कई नेताओं के पास फोन हैकिंग अलर्ट का मैसेज आया था। जिन सांसदों को फोन हैकिंग का अलर्ट मैसेज आया था, उसमें शशि थरूर, सीताराम येचुरी, प्रियंका चतुर्वेदी, महुआ मोइत्रा सहित कई नेताओं के नाम शामिल हैं।
जांच की हुई थी मांग
एप्पल की तरफ से आए मैसेज में सरकार प्रायोजित हमलावरों द्वारा उनके फोन को हैक करने की कोशिश किए जाने की बात कही गई थी। जिसके बाद शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर मामले की जांच करने का आग्रह किया था। वहीं इस पूरे मामले पर आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा था कि ये अलर्ट मैसेज 150 देशों में गया है।
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