ऑस्ट्रिया में गूंजा वंदे मातरम, पीएम मोदी का भव्य स्वागत

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December 22, 2024

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ऑस्ट्रिया में गूंजा वंदे मातरम, पीएम मोदी का भव्य स्वागत

रूस/नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- रूस के दो दिवसीय दौरे के बाद पीएम मोदी अब अपने एक दिवसीय दौरे के लिए ऑस्ट्रिया पहुंच गए। एयरपोर्ट पर ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री एलेक्जेंडर शालेनबर्ग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को ऐतिहासिक दौरे पर ऑस्ट्रिया के मशहूर शहर वियना पहुंचे। ऑस्ट्रियाई कलाकारों ने पीएम मोदी का संगीतमय स्वागत किया। ये कलाकार भारत के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ को पश्चिमी संगीत की धुन में गा रहे थे। भारत के संस्कृति दूत विजय उपाध्याय ने भी इस स्वागत में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने पूरे कार्यक्रम का नेतृत्व किया, जिसमें म्यूजिकल बैंड के कलाकार शामिल थे। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी ने कहा, ‘ऑस्ट्रिया अपने शानदार संगीत के लिए जाना जाता है, ‘वंदे मातरम’ की इतनी सुंदर प्रस्तुति सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा।’

कौन है विजय उपाध्याय?
विजय उपाध्याय संगीत की दुनिया का बड़ा नाम हैं। उन्हें वियना यूनिवर्सिटी फिल्हार्मोनिक की कमान संभालने और युवा संगीतकारों को तराशने वाले इंडिया नेशनल यूथ आर्केस्ट्रा के बनाने के लिए जाना जाता है। विदेशी और भारतीय संगीत को मिलाकर के वह दुनिया भर में लोगों को जोड़ने का काम कर रहे हैं। ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाले संगीतकार रिकी केज ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘वह भारतीय संचालक हैं जो हमें गर्व से भर देते हैं, विजय उपाध्याय, जो लखनऊ से ताल्लुक रखते हैं। वे मशहूर वियना यूनिवर्सिटी फिल्हार्मोनिक के डायरेक्टर हैं और उन्होंने इंडिया नेशनल यूथ आर्केस्ट्रा की भी स्थापना की। उन्हें भारतीय संगीत से बहुत लगाव है और वह अक्सर विदेशों में भी भारतीय धुनों का जादू बिखेरते हैं।’ उपाध्याय (57) का जन्म लखनऊ में हुआ था। साल 1994 में वह वियना विश्वविद्यालय फिल्हार्मनी के निदेशक बने। वह यूरोपीय संघ संस्कृति परियोजनाओं के मूल्यांकन के लिए विशेषज्ञों की जूरी में ऑस्ट्रियाई प्रतिनिधि हैं और भारत के राष्ट्रीय युवा आर्केस्ट्रा के संस्थापक और कलात्मक निदेशक हैं।

मां ने दी संगीत की शिक्षा
विजय उपाध्याय की संगीत यात्रा बचपन में ही शुरू हो गई थी। उनकी माता ने उन्हें संगीत की शिक्षा दी। उन्होंने पियानो, तबला (एक भारतीय ताल वाद्य) और कथक नृत्य सीखा. विजय के ब्लॉग के अनुसार, उनका संचालन का शौक किशोरावस्था में ही पैदा हो गया था, जब वह सिर्फ 14 साल के थे और उन्होंने अपने स्कूल के गायन दल का नेतृत्व किया था। लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने के बाद, विजय संगीत की दुनिया में और आगे बढ़ने के लिए ऑस्ट्रिया चले गए। उन्होंने वहां ग्राज शहर के म्यूजिक एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स यूनिवर्सिटी में अपनी कला को निखारा। साथ ही, उन्होंने ऑस्ट्रियाई संस्कृति को अपनाया और उनकी स्थानीय भाषा सीखी।

गोल्डन अवार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित
वियना में बसने के बाद से, विजय उपाध्याय म्यूजिक संचालन के साथ-साथ संगीत रचना पर भी ध्यान देने लगे। उन्होंने ‘प्रार्थना ध्वज’ और ‘चंग अन मेन- स्थायी शांति का प्रवेश द्वार’ जैसी सिम्फनी की रचना की, जिनमें भारतीय और चीनी संस्कृतियों का प्रभाव पश्चिमी शास्त्रीय संगीत पर देखने को मिलता है। युवा प्रतिभाओं को तराशने के लिए विजय ने 2010 में इंडिया नेशनल यूथ ऑर्केस्ट्रा और क्रॉस की स्थापना की, ताकि उन्हें आर्केस्ट्रा और कोरस में काम करने का अनुभव मिल सके। उनका योगदान दुनियाभर में फैला हुआ है। उन्होंने चीन नेशनल सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा के लिए संचालक और संगीतकार के रूप में काम किया है और ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्रालय और यूरोपीय संघ के साथ मिलकर कई अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं का नेतृत्व किया है। सांस्कृतिक राजनयिक और संगीत में उनकी उपलब्धियों को सम्मान देते हुए, उन्हें ऑस्ट्रेलिया में गोल्ड अवार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।

गदगद हुए पीएम मोदी
मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘ऑस्ट्रिया अपनी जीवंत संगीत संस्कृति के लिए जाना जाता है। वंदे मातरम के इस अद्भुत गायन की बदौलत मुझे इसकी झलक मिली!’ मोदी ने इसके साथ ही इस कार्यक्रम का वीडियो भी साझा किया। मोदी बुधवार को ऑस्ट्रिया गणराज्य के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन से मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री और चांसलर ने हमारे भारत और ऑस्ट्रेलिया के कारोबारी नेताओं को भी संबोधित करेंगे। ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले मोदी ने रविवार को कहा था कि लोकतंत्र, स्वतंत्रता तथा कानून के शासन जैसे साझा मूल्य वह आधार हैं जिस पर दोनों देश नजदीकी साझेदारी बनाएंगे।

ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहा से मिले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहा से मुलाकात की और द्विपक्षीय साझेदारी पर चर्चा की। बैठक से पहले मोदी ने कहा कि भारत-आस्ट्रेलिया दोस्ती मजबूत है और आने वाले समय में यह और मजबूत होगी। मोदी दो दिवसीय यात्रा पर मंगलवार शाम मास्को से यहां पहुंचे। विगत 40 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्वागत समारोह की तस्वीरों के साथ ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘भारत और ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय लिख रहे हैं। पीएम मोदी का फेडरल चांसलर में ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने गर्मजोशी से स्वागत किया।’ मोदी को यहां संघीय सचिवालय (फेडरल चांसलर) में वार्ता से पहले ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। उन्होंने अतिथि पुस्तिका पर हस्ताक्षर भी किए। ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री एलेक्जेंडर शालेनबर्ग ने यहां पहुंचने पर हवाई अड्डे पर मोदी का स्वागत किया। मोदी ने मंगलवार को एक निजी कार्यक्रम के दौरान नेहरा से मुलाकात की।

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