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    July 26, 2025

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    एनआरसी में नाम के बावजूद विदेशियों को निर्वासित करेगी असम सरकार’

    -सीएम सरमा का बड़ा बयान- किसी की नागरिकता तय करने के लिए एनआरसी अकेला दस्तावेज नही

    गुवाहाटी/शिव कुमार यादव/- अमस के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राज्य सरकार की मौजूदा नीति विदेशियों को निर्वासित करना है फिर चाहे उनका नाम एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) में क्यों न हो। सीएम ने कहा कि जिस तरह से एनआरसी को तैयार किया गया है, उससे कई सवाल और शक पैदा होते हैं। किसी व्यक्ति की नागरिकता तय करने के लिए एनआरसी ही अकेला दस्तावेज नहीं हो सकता। इस संबंध में सीएम हिमंत बिसवा ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि ’भले ही एनआरसी में नाम हो, लेकिन असम की नीति विदेशियों को वापस भेजने की है’।

    असम में पिछले महीने से कई लोगों की नागरिकता पर संदेह होने के कारण उन्हें पकड़ा गया है और उनमें से कई लोगों को वापस बांग्लादेश भेज दिया गया है। इनमें से कुछ लोग पड़ोसी देश द्वारा उन्हें अपना नागरिक मानने से इनकार करने के बाद वापस लौट आए हैं।

    किन लोगों पर एक्शन लेगी सरकार?
    सीएम हिमंत ने दरांग में एक कार्यक्रम से इतर कहा, ‘‘कई लोगों ने अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करके एनआरसी में अपना नाम दर्ज कराया है, इसलिए हमने यह नीति अपनाई है कि अगर प्राधिकारी पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि संबंधित व्यक्ति विदेशी है, तो उसे वापस भेज दिया जाएगा।’’ पूरे असम में पिछले महीने से कई लोगों की नागरिकता पर संदेह होने के कारण उन्हें पकड़ा गया है और उनमें से कई लोगों को वापस बांग्लादेश भेज दिया गया है।

    इनमें से कुछ लोग पड़ोसी देश द्वारा उन्हें अपना नागरिक मानने से इनकार करने के बाद वापस लौट आए हैं। शर्मा ने कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रूप से इस बात से सहमत नहीं हूं कि एनआरसी में नाम होना ही यह निर्धारित करने के लिए पर्याप्त है कि कोई व्यक्ति अवैध प्रवासी नहीं है।’’

    एनआरसी को लेकर और क्या बोले सीएम?
    सीएम ने आरोप लगाया कि सामाजिक कार्यकर्ता एवं लेखक हर्ष मंदर दो साल तक असम में रहे थे और उन्होंने राज्य के कुछ युवाओं को शिक्षा के लिए अमेरिका और इंग्लैंड भेजा था तथा उन्हें एनआरसी में हेरफेर करने के लिए प्रोत्साहित किया था। शर्मा ने कहा, ‘‘हमें उस समय इन साजिशों के बारे में पता नहीं था। मुख्यमंत्री बनने के बाद मुझे इन मामलों का पता चला।’’ उन्होंने कहा कि मंगलवार रात को 19 लोगों को वापस भेजा गया और बुधवार रात नौ अन्य लोगों को वापस भेजा जाएगा।

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