एकता दिवस और दीप पर्व के आरंभ पर आईएएस गांव में आयोजित आरजेएस पीबीएच का 277वां सेमिनार

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 21, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

एकता दिवस और दीप पर्व के आरंभ पर आईएएस गांव में आयोजित आरजेएस पीबीएच का 277वां सेमिनार

नई दिल्ली/अनीशा चौहान/-   राष्ट्रीय एकता दिवस और दीप पर्व के शुभारंभ पर आईएएस गांव मुख्यालय, ओल्ड राजेंद्र नगर, नई दिल्ली में राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) द्वारा विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं में सशक्तिकरण और सकारात्मक शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम के दौरान भारत के शैक्षिक परिदृश्य को सुदृढ़ करने और देश के 2047 के विकास लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए, युवा पीढ़ी को आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करने पर बल दिया गया।

इस अवसर पर, मुख्य अतिथि राष्ट्रभाषा समिति, भारत सरकार के सदस्य डॉ. हरिसिंह पाल, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर डॉ. विजय वर्मा, पूर्व सिविल सेवक जितेंद्र सिंह, आईएएस गांव की हेड अंजलि बसेर, और आयोजक उदय कुमार मन्ना जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने आरजेएस पीबीएच के अतिथि संपादक राजेंद्र सिंह कुशवाहा की उपस्थिति में 22-पृष्ठीय न्यूज़ लेटर का लोकार्पण किया। इसके साथ ही, साईं मीडिया के संपादक पीतम सिंह और एडवोकेट सुदीप साहू को आरजेएस पीबीएच का सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में नई शिक्षा नीति और उच्च परीक्षा तैयारी पर जोर
कार्यक्रम का संचालन करते हुए अंजलि बसेर ने नई शिक्षा नीति की महत्ता पर जोर दिया और बताया कि यह विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक गाइडलाइन प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि सभी परीक्षाओं में इंग्लिश, मैथ और जीके आवश्यकताएं हैं। इस कार्यक्रम का मुख्य विषय “उच्च परीक्षाओं और जीवन में अपनी भूमिका के लिए खुद को कैसे सक्षम बनाएं” था, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

सिविल सेवा के उम्मीदवारों के लिए विशेष मार्गदर्शन 

आईएएस गांव के प्रबंध निदेशक श्री जितेंद्र के.पी. सिंह ने सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों की विशेष आवश्यकताओं पर चर्चा की और संस्थान द्वारा प्रदान किए जा रहे मार्गदर्शन और संसाधनों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने ग्रामीण छात्रों की चुनौतियों, जैसे आर्थिक बाधाएं और सोशल मीडिया का प्रभाव, पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया।

आरजेएस पीबीएच के सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन का एक दशक
आरजेएस पीबीएच के अतिथि संपादक राजेंद्र कुशवाहा ने शिक्षा और मीडिया के माध्यम से सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने में संगठन के एक दशक के योगदान को दर्शाया। उन्होंने न्यूज़लेटर और अन्य प्रकाशनों के माध्यम से संगठन के कार्यों का दस्तावेजीकरण करने की बात कही।

समग्र शिक्षा और वसुधैव कुटुंबकम का सिद्धांत
आरजेएस पीबीएच के संस्थापक उदय कुमार मन्ना ने समग्र शिक्षा पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान अर्जन नहीं, बल्कि नैतिकता और वैश्विक दृष्टिकोण का विकास भी होना चाहिए। उन्होंने दीप पर्व के संदर्भ में स्वास्थ्य के प्रतीक धन्वंतरि जयंती पर बर्तन खरीददारी को स्वास्थ्य से जोड़ने पर भी विचार साझा किया और विद्यार्थियों से सरदार पटेल के राष्ट्रीय एकता सूत्र को आत्मसात करने का आह्वान किया।

मानसिकता की शक्ति पर प्रोफेसर वर्मा के विचार
विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर विजय वर्मा ने मानसिकता की शक्ति पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने विकलांग पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा के उदाहरण का जिक्र करते हुए सकारात्मक मानसिकता की महत्ता को रेखांकित किया और छात्रों को आंतरिक प्रेरणा एवं दृढ़ संकल्प के महत्व पर जोर दिया।

भाषा, साक्षरता और राष्ट्रीय एकता
डॉ. हरि सिंह पाल ने अपनी व्यक्तिगत यात्रा साझा की और भाषा एवं राष्ट्रीय एकता के महत्त्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे विभिन्न प्रकार के मीडिया और बहु-विषयक दृष्टिकोण अपनाने से छात्रों की ज्ञान-संपदा में वृद्धि होती है।

शिक्षकों का सशक्तिकरण और चुनौतियों का सामना
कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण भाग प्रश्नोत्तर सत्र के लिए समर्पित था, जिसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, पर चर्चा हुई। प्रोफेसर वर्मा ने सकारात्मक शिक्षण वातावरण बनाने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया और उन्हें अपने योगदान का एहसास कराने की प्रेरणा दी।

भविष्य की योजनाएं और समापन
कार्यक्रम का समापन आरजेएस पीबीएच की आगामी पहलों और दीर्घकालिक योजनाओं की घोषणा के साथ हुआ। आयोजकों ने शिक्षा के माध्यम से सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने और एक उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में युवाओं के सशक्तिकरण की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

दिवाली की शुभकामनाओं के साथ यह कार्यक्रम समाप्त हुआ, जिसमें शिक्षा और समाज में सकारात्मकता और आशा की भावना को रेखांकित किया गया।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox