अलायंस द्वारा वीर नारियों और जांबाजों को मिला शौर्य चक्र एवं कीर्ति चक्र 

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November 22, 2024

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अलायंस द्वारा वीर नारियों और जांबाजों को मिला शौर्य चक्र एवं कीर्ति चक्र 

-राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में सभी का फूल मालाओं से हुआ मान सम्मान

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- 5 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में हुए आयोजित कार्यक्रम में शौर्य चक्र से सम्मानित सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट विभोर कुमार सिंह 205 कोबरा व सिपाही गामित मुकेश कुमार को उनके अदम्य साहस, रणकौशल एवं शूरवीरता के लिए एलॉइंस अध्यक्ष एक्स एडीजी सीआरपीएफ श्री एचआर सिंह ने फूल मालाएं पहनाकर उनके शौर्य को सलाम किया।

अध्यक्ष जयेंद्र सिंह राणा के अनुसार दिनांक 3 अप्रैल 2021 को बीजापुर में माओवादियों के खिलाफ लड़ाई में शहीद हुए 210 कोबरा बटालियन के मरणोपरांत कीर्ति चक्र विजेता शहीद इंस्पेक्टर दिलीप कुमार दास की धर्मपत्नी वीर नारी प्रांजलि दास, शहीद हेड कांस्टेबल राजकुमार यादव की धर्मपत्नी वीर नारी ज्ञानमती देवी, शहीद कॉन्स्टेबल बबलू राभा की धर्मपत्नी वीर नारी लिपिक राभा व शहीद कॉन्स्टेबल शंभू राय की माताजी अंजलि राय को असिस्टेंट कमांडेंट बिभोर कुमार सिंह की धर्मपत्नी ने चारों वीर नारियों को सम्मान स्वरूप फूल मालाएँ पहनाकर जवानों के शौर्य सम्मान को सलाम किया।

अशोका होटल में आयोजित सम्मान समारोह में पूर्व एडीजी सीआरपीएफ श्री एचआर सिंह ने आश्चर्य जताते हुए कहा 3 अप्रैल 2021 की बीजापुर की घटना को तीन साल से ज्यादा समय हो गया तब जाकर जवानों के शौर्य एवं बलिदान के एवज़ में अलंकरणों से नवाजा गया। उन्होंने इस तरह के साहसिक व जोखिम भरे अभियानों में शहीद हुए जाबांजों के लिए कम से कम 6 माह की अधिकतम समय सीमा के अंदर वीरता पुरस्कारों की घोषणा अवश्य ही कर देनी चाहिए।

महासचिव रणबीर सिंह के अनुसार शहीद जवानों के परिवारों का सम्मान राष्ट्र पूजा के समान है। केंद्रीय सुरक्षा बलों के महानिदेशालयों व राज्य सरकारों का दायित्व है साल में कम से कम दो बार शहीद परिवारों की सुध ली जानी चाहिए उन्हें विशेष समारोहों आयोजित कर सम्मान करने के अलावा आर्थिक मदद दी जानी चाहिए ताकि उन्हें अकेलेपन का अहसास ना हो। हमें याद रखना चाहिए जो कौमें अपने शहीदों का आदर नहीं करते वो बरबाद हो जाते हैं। सभी सुरक्षा बलों के हेड क्वार्टर व राज्य सरकारों का कर्तव्य बनता है कि अपने शहीद जवानों के बच्चों की स्कूली शिक्षा, बूढ़े माँ बाप की बेहतर चिकित्सा देखभाल स्कूल कॉलेज व अस्पतालों के दाखिले में उच्च प्राथमिकता दी जाए साथ ही जवान बेटियों की शादियों में आर्थिक मदद बड़े मायने रखते हैं।

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