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    शांति सम्मेलन में जुटे कांग्रेस के दिग्गज-23 नेता

    शांति सम्मेलन में जुटे कांग्रेस के दिग्गज-23 नेता, कांग्रेस को मजबूत करने पर हुई खुलकर चर्चा -गुलाम नबी आजाद के राज्यसभा से रिटायमेंट पर रखा गया था शांति सम्मेलन, कपिल सिब्बल बोले- कमजोर कांग्रेस सच्चाई है तो राजबब्बर ने कहा गांधी-23

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कांग्रेस में संगठन चुनाव कराने और नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले दिग्गज नेता आज जम्मू में शांति सम्मेलन में जुटे। सीनियर कांग्रेस लीडर गुलाम नबी आजाद के राज्यसभा से रिटायरमेंट के कुछ दिनों बाद आयोजित सभा में कांग्रेस के जी-23 के दिग्गज नेताओं ने हिस्सा लिया। शांति सम्मेलन नाम से आयोजित कार्यक्रम में इन नेताओं ने मुखरता के साथ पार्टी को लेकर चर्चा की व अपनी बात रखी। सीनियर लीडर और अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस दौरान कहा, यह सच्चाई है कि कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है तो राज बब्बर ने जी-23 को गांधी-23 के नाम से संबोधित किया। सभी ने एक स्वर में कहा कि उनका मकसद कांग्रेस पार्टी को आगे ले जाना है। इसलिए हम लोग यहां जुटे हैं। हम इससे पहले भी इकट्ठा हुए थे।
                       यही नहीं कपिल सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद के राज्यसभा से रिटायरमेंट को लेकर भी सवाल उठाया। कपिल सिब्बल ने कहा, आजाद एक ऐसे नेता हैं, जो हर राज्य के हर जिले में कांग्रेस की हकीकत और उसकी ताकत के बारे में जानते हैं। हमें दुख हुआ, जब यह पता चला कि वह अब संसद में नजर नहीं आएंगे। हम नहीं चाहते थे कि वह संसद से जाएं। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि आखिर कांग्रेस उनके अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है। यही नहीं कपिल सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद की तुलना पार्टी के एक इंजीनियर से की।
                       कपिल सिब्बल ने कहा, गुलाम नबी आजाद की असल में भूमिका क्या थी? एक व्यक्ति जो विमान उड़ाता है, वह अनुभवी व्यक्ति होता है। एक इंजीनियर उसके साथ होता है, जो इंजन या विमान के किसी हिस्से में गड़बड़ी आने पर उसे ठीक करता है। गुलाम नबी आजाद भी उसी इंजीनियर की तरह पार्टी के लिए काम करते रहे हैं।श् इस मौके पर पार्टी के सीनियर लीडर और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा भी मौजूद थे। आनंद शर्मा ने कहा, श्बीते एक दशक में कांग्रेस कमजोर हुई है। हम पार्टी की बेहतरी के लिए आवाज उठा रहे हैं। पार्टी को एक बार फिर से हर स्तर पर मजबूत किए जाने की जरूरत है। नई पीढ़ी को पार्टी से जोड़ने की जरूरत है। हमने कांग्रेस के अच्छे दिन भी देखे हैं। हम अपनी इस उम्र में कांग्रेस को कमजोर नहीं देखना चाहते।
                      शांति सम्मेलन में कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि लोग कहते हैं जी-23 पर मेरा मानना है कि यह गांधी-23 है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ ही इस देश का कानून और संविधान बना। इस सोच को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ खड़ी है।  
                      आनंद शर्मा ने कहा कि हम सभी आज जहां हैं, वहां तक पहुंचने के लिए एक लंबा रास्ता तय किया है। हममें से कोई ऐसा नहीं है, जो खिड़की के रास्ते आ गया हो। सभी दरवाजे से ही आए हैं। हम सभी लोग छात्र आंदोलन से निकले हैं। उन्होंने कहा कि मैंने किसी को यह अधिकार नहीं दिया है कि वह हमें बताए कि हम कांग्रेस में हैं या नहीं। यह हक किसी को नहीं है। हम पार्टी को बनाएं और उसे मजबूत करेंगे। हम कांग्रेस की एकता और मजबूती में यकीन करते हैं।
                     राज्यसभा से सेवानिवृत्त गुलाम नबी आजाद के साथ पार्टी की ओर से किए गए व्यवहार से भी जी-23 से जुड़े लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि इतने वर्षों तक कांग्रेस में रहने के बाद भी कांग्रेस हाईकमान ने दोबारा उन्हें मौका नहीं दिया। प्रधानमंत्री तक ने उन्हें सम्मान दिया लेकिन अपनी पार्टी ने कोई सम्मान नहीं दिया। राबर्ट वाड्रा का केस लड़ रहे वकील को राज्यसभा का सदस्य बना दिया गया। मल्लिकार्जुन खडगे को राज्यसभा में विपक्ष का नेता जी-23 के वरिष्ठ सदस्यों की अनदेखी करते हुए बना दिया गया।
                     राज्यसभा के कार्यकाल से सेवामुक्त होने के बाद पहली बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद शुक्रवार को जम्मू पहुंचे थे। वहीं शनिवार को जम्मू संभाग के सैनिक कालोनी स्थित सैनिक फार्म में शांति सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इसमें गुलाम नबी ने कहा कि जम्मू हो या कश्मीर और या फिर लद्दाख हम सभी धर्मों, लोगों और जातियों का एक ही तरह से सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि यही हमारी ताकत है और इसे हमेशा ऐसे ही जारी रखा जाएगा। कार्यक्रम में उत्तर भारत से जुड़े कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के साथ आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल व राज बब्बर यहां पहुंच चुके हैं।

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