• DENTOTO
  • विश्व शांति के लिए अफगानिस्तान का घटनाक्रम बड़ी चुनौती- नरेन्द्र मोदी

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    May 23, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    विश्व शांति के लिए अफगानिस्तान का घटनाक्रम बड़ी चुनौती- नरेन्द्र मोदी

    -एससीओ में बोले मोदीः बढ़ता कट्टरपंथ इस समस्या का मूल कारण, -पीएम ने तीनों नए डायलॉग पार्टनर्स- सऊदी अरब, मिस्र और कतर का स्वागत किया

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- शंधाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होने कहा कि बढ़ता कट्टरपंथ विश्व शांति के लिए बड़ा खतरा है और हाल के अफगानिस्तान के घटनाक्रम ने इसे बड़ी चुनौती बना दिया है। उन्होने कहा कि रैडिकलाइजेशन से लड़ाई, क्षेत्रीय सुरक्षा और आपसी हितों के लिए आवश्यक है। ये हमारे युवाओं के लिए भी जरूरी है। हमें अपने प्रतिभाशाली युवाओं को रैशनल थिंकिंग की ओर आगे बढ़ाना होगा।
                           प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने ताजिकिस्तान के लोगों को आजादी के तीसवें पर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस साल हम एससीओ की भी 20वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। अच्छी बात है कि इस संगठन में नए लोग भी जुड़ रहे हैं। नए साझेदारों के जुड़ने से एससीओ और भी विश्वसनीय बनेगा। पीएम ने इस मौके पर तीनों नए डायलॉग पार्टनर्स- सऊदी अरब, मिस्र और कतर का स्वागत किया।
                          प्रधानमंत्री ने कहा कि एससीओ की 20वीं वर्षगांठ इस संगठन के भविष्य के बारे में भी सोचने का अवसर है। इन समस्याओं का बढ़ता हुआ कारण कट्टरपंथ (रैडिकलाइजेशन) है। अफगानिस्तान में हालिया घटनाओं ने इस चुनौती को और स्पष्ट कर दिया है। इस मुद्दे पर एससीओ को पहल लेकर काम करना चाहिए। अगर हम इतिहास पर नजर डालें तो मध्य एशिया का क्षेत्र प्रोग्रेसिव कल्चर और वैल्यूज का गढ़ रहा है। सूफ़ीवाद जैसी परम्पराएं यहाँ सदियों से पनपी और पूरे क्षेत्र और विश्व में फैलीं। इनकी छवि हम आज भी इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में देख सकते हैं।
                           पीएम ने कहा, “मध्य एशिया की इस धरोहर के लिए एससीओ को कट्टरपंथ से लड़ने का एक साझा टेंपलेट बनाना चाहिए। भारत में और एससीओ के लगभग सभी देशों में, इस्लाम से जुड़ी उदारवादी, सहिष्णु और समावेशी संस्थाएं और परम्पराएं मौजूद हैं। एससीओ को इनके बीच एक मजबूत नेटवर्क विकसित करने के लिए काम करना चाहिए। इस सन्दर्भ में मैं एससीओ के रैट्स मैकेनिज्म द्वारा किए जा रहे उपयोगी कार्यों की प्रशंसा करता हूं।“  
                          मोदी ने संबोधन के दौरान कहा, “एससीओ की 20वीं वर्षगांठ इस संस्था के भविष्य के बारे में सोचने के लिए भी उपयुक्त अवसर है। मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास में कमी (ट्रस्ट-डेफिसिट) से संबंधित है। अब इसके लिए एससीओ को भी कदम बढ़ाने चाहिए। हमें सभी एससीओ पार्टनर्स के साथ आगे काम करना होगा।
                         पीएम ने कहा, “रैडिकलाइजेशन से लड़ाई, क्षेत्रीय सुरक्षा और आपसी हितों के लिए आवश्यक है। ये हमारे युवाओं के लिए भी जरूरी है। हमें अपने प्रतिभाशाली युवाओं को तर्कसंगत सोच की ओर आगे बढ़ाना होगा। हमें एससीओ पार्टनर्स के साथ एक ओपन सोर्स तकनीक को शेयर करने में और कैपसिटी बिल्डिंग आयोजित करने में खुशी होगी। कट्टरपंथ और असुरक्षा के कारण इस क्षेत्र की आर्थिक क्षमता भी अनछुई रह गई है। खनिज संपदा हो या और कुछ हमें बढ़ती कनेक्टिविटी पर ध्यान देना होगा। मध्य एशिया हमेशा से कनेक्टिविटी के लिए लोकप्रिय रहा है। भारत मध्य एशिया के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि चारों तरफ जमीन से घिरे मध्य एशियाई देशों को भारत के विशाल बाज़ार से जुड़ कर अपार लाभ हो सकता है।“
                        प्रधानमंत्री ने कहा कि कनेक्टिविटी की कोई भी पहल वन-वे नहीं हो सकती। इन प्रोजेक्ट्स को पारदर्शी और पार्टिसिपटेरी होना चाहिए। इनमें सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए। एससीओ के इसके लिए उपयुक्त नियम बनाने चाहिए। कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स तभी हमें जोड़ने का काम करेंगे, न कि दूरी बढ़ाने का। इसके लिए भारत अपनी तरफ से हर कोशिश के लिए तैयार है।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox