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    लखीमपुर खीरी कांड में न्यायिक जांच आयोग का गठन, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे जांच

    -सुप्रीम कोर्ट के मामले में स्वतः संज्ञान के बाद सरकार ने किया आयोग का गठन, दो महीने में देंगे रिपोर्ट

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/लखनऊ/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- 3 अक्तुबर को लखीमपुर खिरी में हुए बवाल पर सुप्रीम कोर्ट के सव्तः संज्ञान के बाद यूपी सरकार ने कोर्ट में सुनवाई से पहले न्यायिक जांच आयोग का गठन कर दिया हैं अब हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव इस मामले की जांच करेंगे और दो महीने मे अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे।
                        आयोग का मुख्यालय लखीमपुर खीरी में होगा। मालूम हो कि आज सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर खीरी कांड को लेकर सुनवाई भी होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। सुनवाई से पहले सरकार ने आयोग गठित कर दिया है। हालांकि आयोग की जांच से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा समझौता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी और पिता-पुत्र की गिरफ्तारी पर हुआ है न कि किसानों को मिले मुआवजे पर। यदि कोई मंत्री यह समझ रहा है कि समझौता मुआवजे पर हुआ है तो वह अपनी जुबान को लगाम देकर इस तरह की बयानबाजी कदापि न करें। अपना अकाउंट नंबर दे दें, जो पैसा किसानों को दिया गया उतना पैसा ट्रांसफर करा दिया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के मुखिया राकेश टिकैत ने यह बात बुधवार को मोहल्ला हाथीपुर स्थित गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा में आयोजित प्रेसवार्ता में कही। किसान नेता अपने लाव लश्कर के साथ दोपहर करीब डेढ़ बजे गुरुद्वारा पहुंचे। कुछ देर तक वहीं पर आराम कर लंगर छका। इसके बाद उन्होंने कहा कि हमारा समझौता तो यह था कि शवों का दाह संस्कार हो जाए। हम शव पर आंदोलन नहीं करना चाहते, जो भी निर्णय लिए गए हैं उसमें परिवार और संयुक्त मोर्चा के लोगों की सहमति है। 
                         उन्होंने कहा कि हालात देखते हुए सरकार ने सात दिन का समय मांगा है। निर्धारित समय में यह कर्मकांड कराने वाले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री इस्तीफा दें और पिता-पुत्र की गिरफ्तारी हो। निश्चित समय में गिरफ्तारी और बर्खास्तगी न होने पर पगड़ी रस्म के दिन देशव्यापी आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन स्थगित नहीं हुआ है। जब तक तीनों बिल और एमएसपी की गारंटी नहीं ली जाती तब तक निरंतर जारी रहेगा।
                        राकेश टिकैत ने कहा कि अब पुलिस अपने काम पर लग जाए। अंतिम अरदास तक हमें हर हालत में रिजल्ट चाहिए। बोले, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री पर भी 120बी में मुकदमा है। उन्होंने कहा कि पत्रकार भी किसान है, उसको भी मुआवजा मिलना चाहिए। भिंडार वाले की फोटो वाली टी शर्ट के सवाल पर कहा कि कुछ लोग उसे संत मानते हैं, लेकिन सरकार आतंकवादी। 
                         किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भले ही टेनी अपनी सफाई दे रहे हों। मगर सरकार के पास सिर्फ अंतिम अरदास तक का ही समय है, जिसका निर्णय संयुक्त मोर्चा और जिले के लोग लेंगे। निर्धारित दिन तक मांगें पूरी न होने पर देशव्यापी आंदोलन का निर्णय होगा। फिलहाल अब तक जो भी निर्णय लिए गए हैं वह घर, परिवार एवं समाज आदि की सहमति से हुए हैं। अब सरकार अपना वादा पूरा कर मृतक किसानों को न्याय दिलाए।

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