यूएई में चीन के सीक्रेट मिलिट्री बेस का हुआ भंडाफोड़

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
October 3, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

यूएई में चीन के सीक्रेट मिलिट्री बेस का हुआ भंडाफोड़

- अमेरिका ने रोका -भारत के बाद यूएई को ड्रैगन का धोखा, बिना बताए, खलीफा पोर्ट पर बना रहा था सीक्रेट मिलिट्री बेस -खाड़ी देशों में पैर जमाने की कोशिश कर रहा ड्रैगन, अमेरिका ने यूएई के समक्ष जताया कड़ा प्रतिरोध

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/वाशिंगठन/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- भारत के बाद अब यूएई को भी चीन ने धोखा दिया है। दरअसल ड्रैगन अमेरिका से टक्कर लेने के लिए खाड़ी देशों में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए वह साम, दाम, दंड, भेद की नीति पर काम कर रहा है। हालांकि अभी तक ड्रैगन विश्वास में लेकर ही अपनी चालबाजी करता आया है जिसका ताजा प्रमाण यूएई में सामने आया है जहां अमेरिका ने चीन की चालबाजी को उजागर करते हुए खलीफ पोर्ट पर चुपचाप बनाये जा रहे सीक्रेट मिलिट्री बेस का भंडाफोड़ किया है। हालांकि अमेरिका ने इसे यूएई को कहकर रूकवा दिया है। फिर भी इस पोर्ट को लेकर अमेरिका ने यूएई के समक्ष कड़ा प्रतिरोध भी जताया है और दोनो देशों के रिश्तो पर बुरा प्रभाव पड़ने की बात भी कही है। फिर भी चिंता की बात यह है कि इस बारे में यूएई को भी जानकारी नहीं थी।


                 वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका का दबाव बनाने के बाद न्।म् ने चीनी कंस्ट्रक्शन रुकवा दिया है। सीक्रेट मिलिट्री बेस की जानकारी अमेरिकी खुफिया एजेंसी को सैटेलाइट से क्लिक की गईं तस्वीरों से मिली है। एजेंसी को वहां एक बड़ी बिल्डिंग बनाने के लिए बड़े-बड़े गड्ढे बनाने का पता चला है। चीन जिस पोर्ट पर अपना बेस बना रहा था, वह अबु धाबी के उत्तर में 80 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां चीनी कंपनी चाइना ओसियन शिपिंग (ग्रुप) कंपनी ब्व्ैब्व् शिपिंग समूह ने यहां पर एक बड़ा कॉमर्शियल कंटेनर टर्मिनल बनाया है। चीन ने जांच से बचने के लिए लंबे समय तक इस साइट को कवर करके रखा था, लेकिन मौका मिलते ही अमेरिका ने अपनी सैटेलाइट से उसे कैप्चर कर लिया।
               रिपोर्ट सामने आने के बाद यूएई की सफाई भी सामने आ गई है। संयुक्त अरब अमीरात ने चीनी कंस्ट्रक्शन के बारे में किसी तरह की जानकारी होने से इनकार किया है। चीन के इस कदम से दो पुराने सहयोगियों के बीच दरार पड़ती नजर आ रही है। यूएई ने इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ बैठक करनी शुरू कर दी है। यूएई ने साफतौर पर कहा है कि सीक्रेट मिलिट्री बेस के लिए उन्होंने चीन से कोई करार नहीं किया है।
                 सीक्रेट मिलिट्री बेस पर चीन ने कोई जवाब नहीं दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद से मिलकर चीन को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं। बाइडेन ने जायद से सीधे कहा था कि अबु धाबी की चीन से बढ़ती नजदीकी अमेरिका से उनके संबंध खराब होने का कारण बन सकती है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox