
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/यूपी/शिव कुमार यादव/- पिछले साल किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले गुर्जर नेंता व मीरापुर से विधायक अवतार सिंह भडाना ने बीजेपी छोड़ने का ऐलान कर दिया था। बुधवार को उन्होंने जयंत चौधरी की मौजूदगी में आरएलडी शामिल होने का भी ऐलान कर दिया। उन्होने जयंत चौधरी के साथ अपनी एक फोटो भी शेयर की है। उनके बीजेपी छोड़ने व आरएलडी में शामिल होने की घटना से भाजपा को यूपी में बड़ा झटका लगना माना जा रहा है।
बता दें कि दो दिनों में पांचवें विधायक ने बीजेपी को झटका को दिया है। मेरठ और फरीदाबाद से सांसद रहे अवतार सिंह भड़ाना ने बुधवार को राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी से मुलाकात की और फिर पार्टी में शामिल होने की घोषणा कर दी। बुधवार को आरएलडी ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा कि पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता अवतार भड़ाना आज राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह की उपस्थिति में राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हुए। अवतार सिंह भड़ाना पश्चिम यूपी में बीजेपी को मजबूती प्रदान करने वाले गुर्जर नेता के रूप में जाने जाते रहे हैं। किसान आंदोलन के बाद से भाजपा का पश्चिमी यूपी में प्रदर्शन कमजोर रहने की आशंका जताई जा रही है। अवतार सिंह भड़ाना किसान आंदोलन के दौरान काफी सक्रिय रहे। उन्हें गुर्जर समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है। वह पिछले कुछ समय से समुदाय को एकजुट करने की कोशिशों में जुटे हुए थे। अब अवतार सिंह भड़ाना के आने से मीरापुर विधानसभा सीट पर आरएलडी की दावेदारी बढ़ गई है। इसी क्षेत्र से यूपी के सात चरणों के चुनाव की शुरुआत होनी है। ऐसे में अवतार सिंह भड़ाना का साथ छोड़ना भाजपा पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
पिछले 24 घंटे में भाजपा के पांच बड़े नेताओं ने भाजपा को झटका दे दिया है। यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहले इस्तीफा दिया। उनके इस्तीफे के बाद बांदा के तिंदवारी विधानसभा सीट से विधायक बृजेश प्रजापति ने त्यागपत्र दे दिया है। उनके अलावा शाहजहांपुर की तिलहर सीट से विधायक रोशनलाल वर्मा और कानपुर के बिल्हौर के विधायक भगवती प्रसाद सागर ने इस्तीफा दिया है। अब कैबिनेट मंत्री दारा सिंह ने भाजपा छोड़ने का ऐलान कर दिया है।
साल 2007 में आरएलडी अकेले चुनावी मैदान में उतरी. इस चुनाव में आरएलडी ने 10 सीटों पर जीत हासिल की जबकि वोट प्रतिशत दो से बढ़कर चार पर पहुंच गया। 2012 के चुनाव में आरएलडी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी। इस दौरान उसे नौ सीटों पर जीत हासिल हुई जबकि वोट दो प्रतिशत मिले। वहीं एक बार फिर साल 2017 में आरएलडी ने अकेले चुनाव लड़ा जिसमें 1 सीट पर जीत हासिल की जबकि दो प्रतिशत वोट मिले। इस बार जयंत चौधरी अखिलेश यादव के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
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